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मेडिकल कॉलिज में सूने पड़े काउण्टर, भटक रहे मरीज

फोटो 29 एसएचवाइ 4 झाँसी : मेडिकल कॉलिज में सूने पड़े काउण्टर। ::: - जूनियर डॉक्टर की हड़ताल से

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:48 PM (IST)
मेडिकल कॉलिज में सूने पड़े काउण्टर, भटक रहे मरीज

फोटो 29 एसएचवाइ 4

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झाँसी : मेडिकल कॉलिज में सूने पड़े काउण्टर।

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- जूनियर डॉक्टर की हड़ताल से उपचार को तरस रहे लोग

- इमरजेंसी और ओपीडी छोड़कर सभी सेवाएं बाधित

झाँसी : काउंसिलिंग सहित अन्य माँगों को लेकर जूनियर डॉक्टर की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर दिखने लगा है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज में उपचार के पर्चे बनने बन्द होने से मरी़जों और तीमारदारों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं का कोर्स पिछड़ गया है। पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की काउंसिलिंग प्रक्रिया मई में पूरी हो जानी चाहिये थे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। इससे डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले इन छात्र-छात्राओं को अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है। जिन छात्र-छात्राओं की दूसरे बैच की पढ़ाई शुरू हो जाना चाहिये थी, वह अभी पहले बैच में ही अटके हैं। काउंसलिंग की माँग को लेकर उन्होंने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसका असर महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलिज में आने वाले मरी़जों पर पड़ने लगा है। यहाँ सामान्य पर्चे बनने बन्द हैं। बिलिंग काउण्टर और दवा वितरण खिड़की भी खाली पड़ी है। छोटी-मोटी बीमारियों और रूटीन चेक-अप का काम भी प्रभावित हो रहा है।

इमरजेंसी सेवाओं पर प्रभाव नहीं

जूनियर डॉक्टर ने अपनी हड़ताल से इमरजेंसी सेवाओं और ओपीडी को मुक्त रखा है। आकस्मिक उपचार के लिये आ रहे गम्भीर मरी़जों का नियमित उपचार जारी है। यहाँ सीनियर डॉक्टर्स मरीजों का उपचार कर रहे हैं। रे़िजडेण्ट डॉक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. निखिल मिश्रा के अनुसार उनकी हड़ताल काउंसिलिंग का ठोस आश्वासन न मिलने तक जारी रहेगी।

मरी़जों को हो रही परेशानी

0 चिरगाँव से आये बादाम सिंह ने बताया कि वह उनकी माँ कुछ भी खाती हैं तो वह गले में अटक रहा है। वे मेडिकल कॉलिज में दिखाने आये थे, लेकिन न तो पर्चा बना, न ही डॉक्टर मिले। वह अब प्राइवेट डॉक्टर को दिखाएंगे।

0 नगरा के हनीफ मोहम्मद अपच और बुखार का उपचार कराने आये थे। पर्चा काउण्टर बन्द होने के कारण उपचार नहीं करा सके। उन्हें ़िजला अस्पताल जाने की सलाह दी गयी है।

0 नगरा के ही अनिल रायकवार अपनी 13 साल की बेटी अंजली को दिखाने मेडिकल कॉलिज आये थे। उसके कान में तकलीफ है, लेकिन पता चला कि डॉक्टर इमरजेंसी में हैं। पर्चा भी नहीं बन पा रहा। कोई कुछ बता पाने वाला भी नहीं है।


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