महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से बढ़ेगा झाँसी का मान
0 विश्वभर में वीरांगना के नाम से जानी जाती है झाँसी 0 सांसद की पहल पर जिलाधिकारी ने शासन को भेजा र
0 विश्वभर में वीरांगना के नाम से जानी जाती है झाँसी
0 सांसद की पहल पर जिलाधिकारी ने शासन को भेजा रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव
0 इतिहासविदों ने प्रस्ताव को सराहा
झाँसी : प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की दीपशिखा रोशन करने वाली महारानी लक्ष्मीबाई की पहचान रेलवे स्टेशन को देने की तैयारी शुरू हो गई है। इससे झाँसी का मान बढ़ेगा तो इण्टरनेट की दुनिया में नई इबारत लिखेगी। इसका सबसे अधिक प्रभाव विदेशी पर्यटन पर पड़ेगा, क्योंकि विश्व में झाँसी भले ही अनजान होगी, लेकिन वीरांगना हर जुबाँ पर अमर है। इतिहासविद भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं।
भारत को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने और अंग्रेजों को लोहे के चने चबाने वाली महारानी लक्ष्मीबाई को आज पूरी दुनिया सम्मान और अदम्य साहस का प्रतीक मानती है। उन्हीं की देन है कि झाँसी नगर को पूरा विश्व महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से जानता है। अब जब झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना के नाम पर करने की कवायद शुरू हुई है तो इससे निश्चित ही झाँसी नगर को नई पहचान मिलने जा रही है। दरअसल, पिछले दिनों सांसद अनुराग शर्मा ने झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रखने की माँग उठाई थी। सांसद की इस पहल को आगे बढ़ाने का काम जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने किया। गत दिवस उन्होंने प्रस्ताव पर संस्तुति करते हुए प्रदेश सरकार को भेज दिया। इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू होते ही उम्मीदों को नया आसमान मिल गया है। इससे पर्यटन उद्योग को बड़ा लाभ होगा। विदेशों से बुक होने वाले टूर पैकेज में अभी झाँसी का नाम शामिल नहीं होता है, जबकि लक्ष्मीबाई के नाम से जब रेलवे स्टेशन का नाम होगा तो विदेशी सैलानियों में वीरांगना की कर्मस्थली को लेकर आकर्षण बढ़ेगा। बुद्धिजीवी भी मानते हैं कि रेलवे स्टेशन का नाम महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किए जाने से झाँसी का नाम और मान और बढ़ेगा। नाम में होने वाले इस छोटे से परिवर्तन से इण्टरनेट की दुनिया में झाँसी को नई पहचान मिलेगी। दरअसल, विश्वभर में लोग भले ही झाँसी को नहीं जानते हों, लेकिन महारानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथ हर जुबाँ पर है।
राज्य सरकार की मंजूरी के 2 माह में बदल जाएगा स्टेशन कोड
उल्लेखनीय है कि झाँसी रेलवे स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे का दूसरा ऐसा रेलवे स्टेशन होगा, जिसका वर्षो पुराना नाम बदलने जा रहा है। इससे पहले इलाहबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज किया जा चुका है। झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम राज्य सरकार द्वारा जैसे ही बदले जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है, रेलवे की ओर से स्टेशन कोड बदलने के साथ ही अन्य कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें लगभग 2 माह का समय लग सकता है।
विधानसभा चुनाव में मिलेगा सियासी फायदा
बुन्देलखण्ड राज्य को लेकर लेकर बैकफुट पर खड़ी भाजपा सरकार को झाँसी रेलवे स्टेशन को महारानी लक्ष्मीबाई का नाम देने की पहल सियासी फायदा पहुँचा सकती है। विकास की धुरी पर चुनावी बिसात बिछाने वाली योगी सरकार विधानसभा में इसे उपलब्धि की तरह पेश कर विपक्ष को घेरने की कोशिश भी कर सकती है।
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इन्होंने कहा
'झाँसी रेलवे स्टेशन को लेकर क्षेत्रीय सांसद अनुराग शर्मा ने जो प्रस्ताव रखा था, उसे शासन और मण्डल रेल प्रबन्धक झाँसी को भेजा गया है। इसमें झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की दीपशिखा महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रखने की संस्तुति की गई है। जनपद का नाम बदले जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
- आन्द्रा वामसी, जिलाधिकारी
'राज्य सरकार द्वारा रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित करने स्वीकृति जैसे ही दी जाएगी, तत्काल प्रस्ताव को हेडक्वॉर्टर भेजते हुए नाम परिर्वतन की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी और स्टेशन कोड भी निर्धारित किया जाएगा।'
- सन्दीप माथुर
मण्डल रेल प्रबन्धक, झाँसी
'रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास है, जैसे ही कोई आधिकारिक आदेश जारी होता है। स्टेशन का नाम परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।'
- डॉ. शिवम शर्मा
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेल (प्रयागराज)
'झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम महारानी लक्ष्मरीबाई के नाम पर करना गर्व की बात है, लेकिन इसके साथ ही झाँसी का नाम भी चलना चाहिए और रेलवे को मुस्तरा या पुराना झाँसी रेलवे स्टेशन गढ़मऊ का नाम झाँसी कर देना चाहिए।
मुकुन्द मेहरोत्रा (समाजसेवी)
'महारानी लक्ष्मीबाई पूरे विश्व की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी वीरता से कोई भी अनजान नहीं है। मुझे गर्व हुआ जब स्टेशन का नाम महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर रखने का प्रस्ताव भेजा गया। हालाँकि यह निर्णय पहले ही हो जाना था। देर से ही सही लेकिन, अच्छा कदम है।'
हरगोविन्द कुशवाहा
राज्यमन्त्री उत्तर प्रदेश सरकार
'किसी भी शहर का नाम उसकी पहचान होता है। झाँसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाना ठीक नहीं है। महारानी लक्ष्मीबाई के नाम से तो नगर में बहुत सारे संस्थान और भवन हैं। मैं इस निर्णय से बहुत अधिक सहमत नहीं हूँ।'
प्रो. जेवी वैशम्पायन
कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय (झाँसी)
'मेरे लिए ये बहुत ही गर्व की बात है। जब भी किसी विदेशी से बात करता हूँ तो वह सबसे पहले झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का ही नाम लेते हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन का नाम रानी झाँसी के नाम पर रखना पर्यटन को निश्चित ही बढ़ावा देगा।'
प्रो. प्रतीक अग्रवाल
विभागाध्यक्ष पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन विभाग, बीयू (झाँसी)
फाइल : वसीम शेख
समय : 07 : 30
1 जुलाई 2021