संशोधित होंगे रेलवे ट्रैक के गति प्रतिबन्ध
झाँसी : ट्रेनों की लेटलतीफी पर रेलवे बोर्ड ने कड़ा एतराज जताया है। बोर्ड ने मुख्यालय के माध्यम से मण्
झाँसी : ट्रेनों की लेटलतीफी पर रेलवे बोर्ड ने कड़ा एतराज जताया है। बोर्ड ने मुख्यालय के माध्यम से मण्डल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी ट्रैक पर लगाये गये गति प्रतिबन्धों को संशोधित कर ट्रेनों को समय पर चलाने का प्रयास करें। अनावश्यक प्रतिबन्ध हटा दिये जाएँ या वहाँ की बाधा को फौरन दूर किया जाए। बोर्ड के आदेश के बाद रेलवे अधिकारियों ने स्पीड रिस्ट्रिक्शन्स (गति प्रतिबन्ध) की लिस्ट मँगाकर मन्थन शुरू कर दिया है।
बजट में इस बात पर खास फोकस किया गया था कि ट्रेन समय से चलें। ट्रेनों की समयबद्धता के लिए संगठित प्रयास करने के निर्देश रेलवे बोर्ड ने कई बार दिये, लेकिन इन पर अमल नहीं हो पाया। समीक्षा के दौरान बोर्ड ने पाया कि ऐसी कई ट्रेन हैं, जो नियमित देरी से चल रही हैं या गन्तव्य पर देरी से पहुँच रही हैं। झाँसी मण्डल की बात करें, तो झाँसी-लखनऊ इण्टरसिटि एक्सप्रेस इस प्रकार की ट्रेनों में खासतौर पर शामिल है। आलम यह है कि लखनऊ के लिए नम्बर-1 मानी जानी वाली इस ट्रेन की नियमित लेटलतीफी के चलते यात्रियों ने दूसरे विकल्पों पर गौर करना शुरू कर दिया है। वहीं, हर मण्डल मुख्यालय ने अपने क्षेत्र में तमाम गति प्रतिबन्ध लगा रहे हैं, जिनके अनुसार ट्रेन चलायी जाती हैं। ये प्रतिबन्ध मेण्टेनेंस कार्य के चलते लगते हैं, तो कहीं-कहीं घुमावदार ट्रैक व अन्य कारणों से भी इनको लगा दिया जाता है। ट्रेनों की स्पीड पर ब्रेक लगने के कारण ये लेट होती जाती हैं। उत्तर-मध्य रेलवे में पंक्चुऐलिटि (समयबद्धता) रिकॉर्ड पिछले साल जहाँ 77 प्रतिशत के आसपास था, वह इस साल घटकर 70 प्रतिशत हो गया है। बोर्ड ने सा़फ तौर पर कहा है कि मण्डल अधिकारी इन गति प्रतिबन्धों के रिकॉर्ड की समीक्षा करें कि कौन से प्रतिबन्ध कब लगाये गये और वहाँ दिक्कत दूर करने के लिए क्या प्रयास किये। जो भी प्रतिबन्ध अनावश्यक है, उसे हटा दिया जाए, ताकि वहाँ ट्रेन तय गति के अनुसार चल सके। वहीं, प्रारम्भिक स्टेशन से ट्रेनों के देरी से चलने को भी बोर्ड ने गम्भीरता से लिया है। परिचालन विभाग इस समस्या को स्पष्ट करने के साथ ही इसका समाधान भी तैयार करेगा। मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद उच्च अधिकारियों ने इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए मन्थन शुरू कर दिया है।
मऊरानीपुर को बिजली विभाग ने दिया 'करण्ट'
झाँसी : विद्युत वितरण मण्डल झाँसी के अधीन मऊरानीपुर को बिजली चोरी की स़जा दी जा रही है। लाइन लॉस अधिक होने की वजह से क्षेत्र को अतिरिक्त कटौती के लिए चिह्नित किया गया है, जिसकी वजह से कटौती हो भी रही है।
कनेक्शन बढ़ाने के तमाम अभियान चलाने के बाद विभाग ने अधिक लाइन लॉस वाले क्षेत्रों में निर्धारित रोस्टर से अधिक कटौती का निर्णय लिया है। मऊरानीपुर में 50 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस है, तो वहाँ का थ्रू रेट (उपभोग के सापेक्ष राजस्व) 1 रुपए प्रति यूनिट से भी कम है। हालाँकि यह बदलता रहता है, पर इसे बढ़ोत्तरी लम्बे अरसे से हुई नहीं है। इस वजह से क्षेत्र में 2-4 घण्टे की अतिरिक्त कटौती का फरमान जारी हो गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह कटौती उस समय के अलावा है, जो कटौती के लिए तय किया गया है।
नीतियों के अनुरूप करें शाखाओं का संचालन
झाँसी : भारत विकास परिषद बुन्देलखण्ड प्रान्त की प्रान्तीय कार्यशाला राष्ट्रीय अतिरिक्त महामन्त्री मुकेश जैन के मुख्य आतिथ्य, जीवनराम गुप्ता व एमएस गुप्ता के विशिष्ट आतिथ्य एवं प्रान्तीय अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
इसमें शाखा पदाधिकारियों को दायित्व ग्रहण कराते हुए संस्था की नीतियों के अनुरूप शाखाओं का संचालन करने का आह्वान किया गया। इसके उपरान्त प्रान्तीय महिला संयोजिका इन्द्रा गुप्ता ने महिलाओं की सहभागिता, प्रान्तीय ऑडिटर अजय मोदी ने वित्तीय प्रबन्धन, प्रान्तीय संरक्षक राजेश जैन ने शाखा संचालन, प्रान्तीय संरक्षक कुंज बिहारी गुप्ता ने परिषद परिचय आदि पर व्याख्यान दिये। इस मौके पर डॉ. प्रबल सक्सेना, डॉ. संजीव जैन, हितेश शर्मा, अशोक अग्रवाल, विकास लोइया, अरुण गुप्ता, सन्तोष गुप्ता, आलोक अग्रवाल, अनिरुद्ध तिवारी आदि उपस्थित रहे। प्रान्तीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ने संचालन व प्रान्तीय महासचिव अजय इटौरिया ने आभार व्यक्त किया।
सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों का तैयार होगा डेटाबेस
झाँसी : सिविल डिफेंस कोतवाली प्रभाग पोस्ट संख्या-2 की मासिक बैठक डिवि़जनल वॉर्डन विजय सिजरिया के मुख्य आतिथ्य व पोस्ट वॉर्डन आनन्द कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में आयोजित हुई। विशिष्ट अतिथि डिप्टी डिवि़जनल वॉर्डन अतुल किलपन व घटना नियन्त्रण अधिकारी डॉ. अतुल प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
बैठक में बताया गया कि डीजीपी के निर्देशानुसार पुलिस एवं सिविल डिफेंस वॉलण्टियर के मध्य सामंजस्य स्थापित होना है। इसके लिए सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों का डेटाबेस तैयार कर थानों को भेजा जाएगा, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके। इस मौके पर मनोज कुमार, डॉ. राघवेन्द्र कनकने, उमेश कुमार, विनय ओमहरे, भूपेन्द्र कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।