छत व खेत में कृत्रिम कुंड बनाकर किया पूजन
जागरण संवाददाता जौनपुर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण तमाम व्रती महिलाओं ने
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण तमाम व्रती महिलाओं ने वैकल्पिक व्यवस्था कर भगवान सूर्य का पूजन कर अर्घ्य दिया। व्रती महिलाओं ने घर की छतों पर टब में तो कई स्थानों पर खेतों में गड्ढा खोदकर उसमें पानी भरा। पानी में खड़ा होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।
नगर के ओलंदगंज में मनीष गुप्ता की पत्नी प्रतिमा गुप्ता व आशीष गुप्ता की पत्नी सारिका ने छत पर टब में गंगा जल, गोमती नदी का बालू डाल कर कृत्रिम कुंड बनाकर पूजन किया, वहीं नगर के हरईपुर निवासी दो सगी बहनें मानसी जायसवाल व रिकू जायसवाल ने खेत में गड्ढा खोदकर गंगाजल व बालू डालकर कृत्रिम कुंड बनाया था। सिरकोनी क्षेत्र के हूंसेपुर गांव में ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने कोविड-19 के कारण अपने आवास के ऊपर छत पर पानी इकट्ठा करके उसी में महिलाओं ने अर्घ्य दिया। सेल्फी का रहा क्रेज
जौनपुर: डाला छठ पूजन में सेल्फी लेने का क्रेज खूब देखने को मिला। नगर समेत बदलापुर, केराकत, मुंगराबादशाहपुर, मुफ्तीगंज, जफराबाद, चंदवक आदि स्थानों पर पूजन करने आईं महिलाओं के साथ उनके घर के सदस्य व कुछ व्रती महिलाएं भी सेल्फी लेती नजर आईं। कोरोना महामारी के कारण घाटों पर न आने वाली वृद्ध महिलाओं व परिवार के अन्य सदस्यों को वीडियो कालिग के माध्यम से पूजन कार्यक्रम दिखाया। स्वयंसेवी संस्थाओं ने किया सहयोग
महापर्व पर प्रशासन के साथ ही विभिन्न संगठनों ने लोगों ने बढ़-चढ़कर पूजन में सहयोग किया। नगर के प्रतिमा विसर्जन व गोपी घाट पर गोमती नदी की धारा में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा सूर्य की प्रतिमा स्थापित किया गया था। धार्मिक संस्था श्री संकट मोचन संगठन के बैनर तले गोपी घाट पर डाला छठ पर आए श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था की गई थी। कार्यकर्ताओं ने जहां गोमती नदी में बैरिकेडिग किया था, वहीं नदी के किनारे समुचित प्रकाश की भी व्यवस्था की गई थी। गोताखोर बराबर चक्रमण करते नजर आए। बेटे के लिए 35 वर्षों से अनवरत व्रत रख रहीं वृद्धा
थानागद्दी (जौनपुर): सूर्य उपासना के पर्व का अपना अलग ही महत्व है। संतान प्राप्ति व पुत्र के दीर्घायु के लिए अधिकांश महिलाएं अनवरत व्रत रखती हैं। इसमें एक केराकत क्षेत्र के नाऊपुर गांव निवासी विनोद सिंह की 73 वर्षीय पत्नी संतारा सिंह हैं। इस उम्र में भी वह अनवरत 35 साल से अपने बेटे के लिए व्रत रखती हैं। उन्होंने बताया कि बेटा जब छोटा था तो अक्सर बीमार रहता था। उसे लेकर बराबर चिता बनी रहती थी। अपनी मां के सुझाव पर मैंने छठ पूजा शुरू की। छठी मइया का आशीर्वाद है कि मेरा बेटा सकुशल है। वैश्विक महामारी को देखते हुए इस साल सामूहिक स्थल की बजाय निजी तालाब में पूजन किया।