ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री मां कात्यायनी का पूजन
शीतला चौकियां धाम में नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। करीब 300 मीटर तक भक्तों की लाइन लगी रही। नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। वहीं जिले की अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए। मंदिरों में देवी गीत भी प्रस्तुत किए गए।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : शीतला चौकियां धाम में नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। करीब 300 मीटर तक भक्तों की लाइन लगी रही। नवदुर्गा के छठवें स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। वहीं जिले की अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाए। मंदिरों में देवी गीत भी प्रस्तुत किए गए।
मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था, अत: इनको कात्यायनी कहा जाता है। इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र व कमल का पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। कुंवारी कन्याएं योग्य और मनचाहे पति के लिए इनकी आराधना करती है। मां कात्यायनी भक्तों के दु:ख हरने वाली माता है। चौकियां धाम में मां कात्यायनी स्वरूपा के दर्शन को दिनभर भक्त उमड़े रहे। घंट घड़ियाल की आध्यात्मिक ध्वनि से धाम दिनभर गुंजायमान रहा। भक्तों ने कतारबद्ध होकर दर्शन-पूजन किया। भोर में साढ़े चार बजे मां की आरती शिवकुमार पंडा ने कराई।