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जहां पर शिक्षक वहीं पर बने पर्यवेक्षक, मामले ने पकड़ा तूल

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान बरती गई खामियां परत दर परत उजागर होने लगी है। पहले तो जाति विशेष को पर्यवेक्षक बनाने और सूची बदलने का मामला प्रकाश में आया। अब विश्वविद्यालय परिसर का मामला सामने आया है जहां पर शिक्षक थे वहीं पर उन्हें पर्यवेक्षक बनाया गया। जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 10:52 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 10:52 PM (IST)
जहां पर शिक्षक वहीं पर बने पर्यवेक्षक, मामले ने पकड़ा तूल
जहां पर शिक्षक वहीं पर बने पर्यवेक्षक, मामले ने पकड़ा तूल

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान बरती गई खामियां परत दर परत उजागर होने लगी है। पहले तो जाति विशेष को पर्यवेक्षक बनाने और सूची बदलने का मामला प्रकाश में आया। अब विश्वविद्यालय परिसर का मामला सामने आया है, जहां पर शिक्षक थे, वहीं पर उन्हें पर्यवेक्षक बनाया गया। जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की किरकिरी शुरू हो गई है।

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उमानाथ सिंह इंजीनियरिग संस्थान के प्रवक्ता डा. संतोष कुमार को उसी संस्थान में बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक बना दिया गया। शिक्षाविदों ने इसे नियम का उल्लंघन और विश्वविद्यालय प्रशासन की खामी बताते हुए मामले की जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है। राज्य स्तरीय बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीते छह अगस्त को थी। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध चार जनपद में 80 हजार से अधिक अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनके लिए चारों जनपद में 196 परीक्षा केंद्र बनाया गया था। पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने जिले में पंजीकृत 28 हजार 500 अभ्यर्थियों के लिए 67 परीक्षा केंद्र बनाया था, जिनके लिए 134 पर्यवेक्षक की तैनाती की गई थी।

दर्जनभर से अधिक पर्यवेक्षकों ने एक दिन पहले रात में सूची बदल दिए जाने का आरोप लगाया था। इस वजह से काफी संख्या में पर्यवेक्षक परीक्षा केंद्रों पर समय पर नहीं पहुंच पाए थे।

सहायक नोडल समन्वयक व सहकारी पीजी कालेज मिहरावा प्राचार्य डा. एसपी सिंह ने कहा कि डा. संतोष कुमार के पास प्राक्टर की जिम्मेदारी है। इनको विश्वविद्यालय परिसर की भी व्यवस्था देखनी थी। इसलिए उन्हें छोड़कर सभी शिक्षकों को अन्य विद्यालयों पर पर्यवेक्षक बनाया गया।


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