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चाहे जो भी हो मुझे चाहिए तो सिर्फ काम

चाहे जैसे भी मुझे चाहिए सिर्फ काम ..यह बोल जिले के नामित नोडल अधिकारी व सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग के.रविद्र नायक के थे। जब वह अपने दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को जिले की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने मौके पर काम बंद देख कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि मौजूद 20 करोड़ बजट के सापेक्ष काम कराकर समय पर ओपीडी शुरू कराने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 07:43 PM (IST)
चाहे जो भी हो मुझे चाहिए तो सिर्फ काम
चाहे जो भी हो मुझे चाहिए तो सिर्फ काम

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर) : ..चाहे जो भी हो मुझे चाहिए सिर्फ काम। यह बोल रहे जिले के नोडल अधिकारी व सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग के.रविद्र नायक के। वह अपने दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को जिले की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उनको कई तरह की बातें बताई जाने लगीं। इस उन्होंने मौके पर काम बंद देख कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि मैं कुछ नहीं जानता, मुझे तो चाहिए सिर्फ काम। कहा कि मौजूद 20 करोड़ के बजट के सापेक्ष काम कराकर समय पर ओपीडी शुरू कराएं।

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नोडल अधिकारी शाम पांच बजे मेडिकल कालेज पहुंचे। वहां निर्माणाधीन ओपीडी भवन के निरीक्षण के दौरान दरवाजे की खिड़की में प्रयोग स्टील, रबर की जानकारी ली। साथ ही भवन निर्माण में सीमेंट की गुणवत्ता के बारे पूछा। उन्होंने वायरिग व स्विच बोर्ड की क्वालिटी जांची। जी-6 फ्लोर के ओपीडी भवन की बारीकी को समझा। उन्होंने अधिकारियों से भुगतान की जानकारी ली, तो पता चला कि अभी तक 237 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। वहीं सरकारी एजेंसी के अंडर में काम करा रही टाटा व बालाजी कंपनी ने काम छोड़ दिया। निर्माण निगम के अधिकारी ने कहा उनके पास केवल 20 करोड़ रुपये है, 10 करोड़ और मिल जाए तो काम शुरू कराया जाए। इस पर श्री नायक ने कहा कि मौजूद 20 करोड़ लागत से काम शुरू कराया जाए बाकी धनराशि शासन से आती रहेगी। मौके पर मौजूद टाटा व बालाजी के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बातचीत में कार्यदायी संस्थाओं में आपस में मतभेद दिखाई दिया। टाटा के आरसीएम मनोज चौधरी ने कहा कि वर्ष 2014 के आगणन के अनुसार ही उनको भुगतान किया जा रहा है। ऊपर से उसी में जीएसटी काट लिया जा रहा है। पूर्व में मेडिकल कालेज का बजट 554 करोड़ था जो अब बढ़कर 800 करोड़ से अधिक हो गया है। फिर भी उनके भुगतान के लिए पुरानी दर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मौके पर डीएम दिनेश कुमार सिंह, सीडीओ गौरव वर्मा, राजकीय निर्माण निगम जयराम, जेई रवि नाग आदि मौजूद रहे। निर्धारित कार्यक्रम छोड़ अपने हिसाब से भ्रमण

अपने पिछले दौरे की तरह इस बार भी वह निर्धारित कार्यक्रम को छोड़ते हुए स्वयं से भ्रमण कर विकास की हकीकत जाने। उन्होंने निर्माणाधीन मेडिकल कालेज सिद्दीकपुर व मीरपुर रैन बसेरा का निरीक्षण किया। हालांकि सोमवार को उनकी केवल कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय अधिकारी व ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों के साथ केवल बैठक थी। रैन बसेरा का लिया संज्ञान

जिले के नामित नोडल अधिकारी के.रविद्र नायक ने सोमवार को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर ठंड ने दी दस्तक, नहीं बन सका रैन बसेरा को संज्ञान में लिया। जिसके बाद वे मीरपुर में बन रहे रैन बसेरा का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने हैंडओवर से पहले भवन का प्लास्टर उखड़ने पर फटकार लगाई। साथ ही टायलेट सीट को दुरुस्त करने, घटिया क्वालिटी के स्वीच बोर्ड लगने पर पूरी तरह से बदलने का आदेश दिया। सीडीओ को मानीटरिग कर 15 दिन के अंदर काम पूरा कराकर नगर पालिका को हैंड ओवर कराने का आदेश दिया।


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