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पश्चिमी विक्षोभ से अचानक बदला मौसम, बारिश से बढ़ी ठंड

पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। गुरुवार की रात बारिश हुई और सर्द हवाओं के चलते ठंड फिर से लौट आई। दिनभर आसमान में बादलों से ढंका रहा। सूरज की किरणें धरती पर उतरने के लिए संघर्ष करती रहीं। मौसम विज्ञानी के अनुसार विक्षोभ के सक्रिय होने से 24 घंटे में बारिश अथवा ओलावृष्टि भी होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 06:10 AM (IST)
पश्चिमी विक्षोभ से अचानक बदला मौसम, बारिश से बढ़ी ठंड
पश्चिमी विक्षोभ से अचानक बदला मौसम, बारिश से बढ़ी ठंड

जागरण संवाददाता, जौनपुर: पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। गुरुवार की रात बारिश हुई और सर्द हवाओं के चलते से ठंड बढ़ गई हालांकि शुक्रवार की सुबह खिली तेज धूप से लगा कि मौसम अब बदल जाएगा लेकिन दोपहर बाद अचानक आसमान में बादलों के घिरने व ठंड हवाओं के चलने से पुन: गलन बढ़ गई। उसके बाद आसमान बादलों से ढंका रहा। सूरज की किरणें धरती पर उतरने के लिए संघर्ष करती रहीं। मौसम विज्ञानी के अनुसार विक्षोभ के सक्रिय होने से 24 घंटे में बारिश अथवा ओलावृष्टि भी होने की संभावना है।

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गुरुवार को दिनभर खिली धूप के अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान गत एक पखवारे में 16 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम में आए बदलाव के कारण लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिली। कई दिनों बाद शरीर से गर्म कपड़े उतरे, लेकिन रात होते ही अचानक मौसम परिवर्तित हो गया। सर्द हवाओं के साथ ही रिमझिम बारिश हुई। शुक्रवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। शीतलहर के कारण लोग फिर ठिठुरने को मजबूर हो गए। कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के मौसम विज्ञानी डा. पंकज जायसवाल के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते आया यह परिवर्तन आगामी एक-दो दिन तक बरकरार रह सकता है। शनिवार को भी फुहारें या वर्षा हो सकती है। उन्होंने बताया कि अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस रहा। रात को 1.80 मिलीमीटर बारिश हुई। एक दिन पहले की अपेक्षा तापमान में चार डिग्री सेल्सियस कम रहा। फसलों को हुआ फायदा

बारिश से रबी फसलों को काफी फायदा हुआ है। गेहूं की बोआई कर किसान पहली सिचाई की तैयारी कर रहे थे। बारिश होने से जहां एक सिचाई बच जाएगी वहीं भूगर्भ जल का दोहन भी कम होगा। उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने बताया कि सब्जियों, आलू, तिलहनी फसलों में फफूंद लगने का भय रहता है। उससे भी फसलों की सुरक्षा हो गई। इस वर्षा से केवल फूल वाली फसलों को थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचा है। तापमान का उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

मौसम में आएदिन हो रहा उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में विशेषकर बच्चों व बुजुर्गों के लिए तालमेल रखना काफी मुश्किल हो गया है। इस प्रकार के उतार चढ़ाव वाले मौसम में जरा सी असावधानी बीमारी की गिरफ्त में ले सकती है। बालरोग विशेषज्ञ डा.मुकेश शुक्ला के अनुसार इस प्रकार के मौसम में ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने के साथ खानपान एवं स्वच्छता पर ध्यान देना जरूरी है। ठंड से बच्चों में निमोनिया व पेट संबंधी तकलीफें काफी तेजी से फैलती है। यह मौसम नवजात शिशुओं के लिए काफी घातक है। ठंड से बच्चों को बचाने के लिए माताओं को काफी सावधान रहने की जरूरत है।


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