कागज पर शौचालय बनाकर 24 लाख हड़पने की शिकायत
रामनगर ब्लाक की ग्राम पंचायत सेउर में शौचालयों के निर्माण में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी का आरोप लगाया गया है। गांव में 200 परिवार आज भी खुले में शौच के लिए जा रहे है जबकि पिछले साल नवंबर 2019 को जिम्मेदार ओडीएफ का सर्टीफिकेट दे चुके हैं। यहां कागज पर 200 शौचालय बनाकर 24 लाख का गबन किया गया है। यह सब फर्जी दस्तावेज तैयार करके किया गया है। अभी भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं हद तो तब हो गई जब गांव को नवंबर 2019 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने नोडल अधिकारी व सचिव ग्राम्य विकास विभाग के.रविद्र नायक जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह सीडीओ अनुपम शुक्ला से की। अभी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : रामनगर विकास खंड के ग्राम पंचायत सेउर में शौचालयों के निर्माण में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी का आरोप लगाया गया है। गांव में कई पात्र परिवार आज भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं जबकि पिछले साल नवंबर 2019 में जिम्मेदार गांव को ओडीएफ का सर्टिफिकेट दे चुके हैं। यहां कागज पर दो सौ शौचालय बनाकर 24 लाख का गबन किया गया है। यह सब फर्जी दस्तावेज तैयार करके किया गया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने नोडल अधिकारी व सचिव ग्राम्य विकास विभाग के.रविद्र नायक, जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, सीडीओ अनुपम शुक्ला से की। अभी तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि रामनगर ब्लाक के सेउर गांव में ग्रामीण स्वच्छता मिशन योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए शासन से लाभार्थियों के खाते में दो किश्तों में 12 हजार रुपये भेजे जाने थे। प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव ने 177 पात्रों की सूची दी, जिसके लिए धन स्वीकृत होकर ग्राम पंचायत के निधि (6) खाते में आया। ग्राम पंचायत प्रधान, सचिव व सत्यापन करने वाले अधिकारियों ने 66 शौचालयों का धन हड़प लिया। 177 व्यक्तियों की सूची में 66 व्यक्तियों का शौचालय नहीं बना है। चयनित व्यक्तियों के खाते में न पैसा दिया गया न ही सामग्री उपलब्ध कराई गई। इसमें अर्जुन पाल, बाबूराम, छोटेलाल, हरि प्रसाद, जयराम, पृथ्वीपाल समेत 66 नाम है। इसके बाद अतिरिक्त छूटे हुए व्यक्तियों के 270 व्यक्तियों का नाम चयनित कर प्रेषित करने पर धन स्वीकृत हुआ। इसमें अविनाश भारती, कुलदीप तिवारी, नंदलाल, राजकुमारी, सरिता देवी, सितारा देवी समेत 134 व्यक्तियों को शौचालय का लाभ नहीं दिया गया। इसमें कुल मिलाकर दो सौ शौचालय के नाम पर 24 लाख रुपये ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर गबन किया है। इस संबंध में पूछे जाने पर सेउर ग्राम प्रधान मीरा सिंह ने कहा की जितने भी लाभार्थी हैं उनके खाते में शौचालय का पैसा दिया जा चुका है। पैसा देने के बाद भी गरीब नहीं बना रहे हैं तो उनको नोटिस दी जा रही है। इसमें कोटेदार अपनी गलतियों को छुपाने के कारण साजिश के तहत ऐसा करवा रहे हैं।
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वर्जन
मेरे पास लिखित शिकायत नहीं प्राप्त हुई है लेकिन मामला संज्ञान में है। पहले 177 शौचालयों की लिस्ट में सभी को लाभ मिल चुका है। दूसरे छूटे हुए लोगों के 270 की सूची में कुछ के खाते में पैसा दिया जा चुका है, कुछ को कैश देकर शौचालय बनवाया जा रहा है।
-नरेंद्र सिंह, प्रभारी बीडीओ रामनगर।