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मुठभेड़ में दो शातिर अपराधी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता जौनपुर शहर कोतवाली पुलिस ने रविवार को भोर में मुठभेड़ के दौरान क

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 11:04 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:04 PM (IST)
मुठभेड़ में दो शातिर अपराधी गिरफ्तार
मुठभेड़ में दो शातिर अपराधी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जौनपुर : शहर कोतवाली पुलिस ने रविवार को भोर में मुठभेड़ के दौरान कार सवार दो अंतरजनपदीय शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से कार के अलावा पिस्टल व कारतूस बरामद हुए हैं। पकड़े गए बदमाशों में एक आजमगढ़ जिले का रहने वाला है।

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एएसपी (सिटी) डा. संजय कुमार ने बताया कि कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार मिश्र हमराहियों संग रात्रि गश्त पर निकले थे। तड़के करीब पौने तीन बजे पुलिस टीम भंडारी स्टेशन के पास मौजूद थी। उसी समय मुखबिर ने सूचना दी कि रसूलाबाद तिराहे से कार सवार दो अंतरजनपदीय शातिर अपराधी गुजरने वाले हैं। प्रभारी निरीक्षक ने सहयोगियों के साथ पहुंचकर घेराबंदी कर ली। कुछ ही देर बाद संदिग्ध अल्टो कार में आते दिखे। रुकने का संकेत देने पर कार में सवार अपराधियों ने पुलिस टीम पर गोली चला दी। आत्मरक्षार्थ आवश्यक बल प्रयोग कर पुलिस ने कार समेत दोनों को पकड़ लिया। तलाशी में उनके पास से पिस्टल, कारतूस व खोखा बरामद हुआ। गिरफ्तार आरोपितों में सचिन यादव ग्राम जिरिकपुर थाना देवगांव जिला आजमगढ़ जबकि दूसरा राजेश उर्फ शशि प्रकाश सोनकर ग्राम हैदरपुर थाना सरायख्वाजा का रहने वाला है। पुलिस ने हत्या के प्रयास, आ‌र्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपितों का चालान कर दिया। गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली टीम में भंडारी पुलिस चौकी प्रभारी विवेक तिवारी कांस्टेबल पंकज पुरी, रोशन यादव, मनीष सिंह, अंकित सिंह आदि रहे। आरोपितों का पुलिस आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। धोखाधड़ी कर जमीन बैनामा कराने व हत्या का मुकदमा दर्ज

जागरण संवाददाता, जौनपुर: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के आदेश पर सरपतहा थाना पुलिस ने पांच नामजद आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी कर जमीन का बैनामा कराने और हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

थाना क्षेत्र के कसियापुर गांव की रीना सिंह कोर्ट में दफा 156 (3) के तहत अधिवक्ता द्वय अवनीश चतुर्वेदी व विकास तिवारी के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया। आरोप लगाया कि अशोक सिंह, जगदीश सिंह, नीतू सिंह, विशाल व सुभाष चंद्र ने साजिश करके उनके पति उग्रसेन सिंह को गुमराह कर शाहगंज तहसील ले गए। कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर बिना रुपये दिए उनके हिस्से की जमीन का अशोक कुमार के पक्ष में फर्जी बैनामा करा दिया। इसके बाद आरोपित उग्रसेन को इलाज कराने के बहाने ले गए। 10 जुलाई 2020 को वादिनी को बताया कि इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने चुपके से उग्रसेन की लाश को जला दिए। थाने पर व पुलिस अधीक्षक को दरखास्त देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया गंभीर मामला पाते हुए आरोपितों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज विवेचना करने का आदेश दिया था।


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