ट्रकों के चालान मामले की विवेचना करे सीबीसीआईडी
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोतवाली शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित पेट्रोल पम्प पर हफ्तों से खड़े वादी
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोतवाली शाहगंज थाना क्षेत्र स्थित पेट्रोल पम्प पर हफ्तों से खड़े वादी के दो ट्रकों का गोवध में चालान करने एवं एक लाख रूपये की मांग करने का मामला पुलिस के गले की फांस बन गया है। वादी की याचिका पर हाईकोर्ट ने मुकदमे की तीन माह में विवेचना कर रिपोर्ट लोअर कोर्ट में सौंपने का आदेश सीबीसीआईडी को दिया। साथ ही पुलिस अधीक्षक को आदेश के त्वरित अनुपालन का निर्देश भी दिया।
वादी की धारा 156(3) की दरख्वास्त पर सीजेएम के आदेश पर कोतवाल शाहगंज समेत छ: आरोपियों के खिलाफ चोरी, एक्सटार्सन, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई। सीओ ने विवेचना शहर कोतवाल को सौंपी। वादी ने शाहगंज कोतवाल के मुलजिम होने का हवाला देते हुए डीजीपी व अन्य उच्चाधिकारियों को दरख्वास्त दी कि स्वयं कोतवाल मुलजिम है, इसलिए विवेचना में हस्तक्षेप कर मुकदमे में लीपापोती करा सकते हैं। इसलिए दौरान विवेचना उनको निलंबित कर विवेचना किसी अन्य जांच एजेंसी को सौंपी जाए। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तब हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
जमीरुद्दीन निवासी सबरहद, शाहगंज ने सीजेएम कोर्ट में धारा 156(3) के तहत दरख्वास्त दी थी कि उसके पास दो ट्रक है। ट्रक के व्यापार में घाटा होने के कारण व ट्रकों को बेचने के उद्देश्य से राजेश गौतम के पेट्रोल पंप दो फरवरी 2018 को ग्राहकों को देखने के लिए खड़ा कर दिया। 25 फरवरी 2018 को 2:00 बजे दिन कोतवाल शाहगंज हमराहियों के साथ वहां पहुंचे और जबरन खाली खड़े दोनों ट्रक ले गए और थाने के पास खड़ा कर दिया। पूछताछ करने पर ट्रकों को छोड़ने की एवज में एक लाख रुपये की मांग की गई। असमर्थता जताने पर उसी दिन शाम को 5:00 बजे की घटना दिखाते हुए गोवध व पशु क्रूरता अधिनियम में चालान कर दिया। खाली ट्रक वहां से पुलिसवालों द्वारा ले जाते समय गवाहों व पेट्रोल पंप कर्मियों ने देखा, पुलिस की कारस्तानी सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुई। वादी द्वारा फुटेज की वीडियो रिकॉर्डिंग कोर्ट में दाखिल की गई। कोर्ट ने सीओ शाहगंज को जांच का आदेश दिया। सीओ ने जांच में पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी जबकि सीसीटीवी फुटेज में वर्दीधारियों की पेट्रोल पंप पर उपस्थित पाई गई। कोर्ट ने संज्ञेय मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया तब जाकर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई।