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भागवत कथा श्रवण से जीव का कल्याण संभव

मनुष्य भगवान को छोड़कर माया की ओर दौड़ता है। ऐसे में वह बंधन में आ जाता है। मानव को अपना जीवन सुधारने के लिए भागवत कथा श्रवण करना चाहिए। यह उद्गार शनिवार को बुढ़नेपुर गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या से पधारे आचार्य श्यामभूषण महराज ने कही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:32 PM (IST)
भागवत कथा श्रवण से जीव का कल्याण संभव

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : मनुष्य भगवान को छोड़कर माया की ओर दौड़ता है। ऐसे में वह बंधन में आ जाता है। मानव को अपना जीवन सुधारने के लिए भागवत कथा श्रवण करना चाहिए। यह उद्गार शनिवार को बुढ़नेपुर गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या से पधारे आचार्य श्यामभूषण महराज ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी को रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।

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भगवान ने संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए जन्म लिया और अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञानरूपी प्रकाश से दूर किया। भगवान कृष्ण को जब वसुदेव यशोदा मैया के घर लेकर जा रहे थे तो शेषनाग ने छाया की और यमुना मैया ने चरण छुए। कृष्ण को नंदबाबा के घर छोड़कर यशोदा मैया की कन्या को लेकर वापस कंस के कारागृह में आए। जैसे ही भगवान का जन्म हुआ पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की के जयकारों से गूंज उठा।

इस अवसर पर लालसाहब यादव, दिनेश मिश्र, हरिशंकर, मिथिलेश, राकेश मिश्र आदि उपस्थित रहे। आयोजक हरिप्रसाद तिवारी ने आभार ज्ञापित किया।


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