शासन ने मांगी अंशकालिक शिक्षकों की पत्रावली
माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त अंशकालिक शिक्षकों की पत्रावली शासन को भेजी गई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त अंशकालिक शिक्षकों की पत्रावली शासन ने तलब की है। जनपद में प्रबंधतंत्र द्वारा नियुक्त 103 शिक्षकों के मामले में 21 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को तलब किया है। इसे लेकर विद्यालय प्रशासन व बेरोजगार हुए शिक्षकों में उम्मीद जग गई है।
माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 60 प्रतिशत शिक्षकों का पद एक दशक से रिक्त है। चयन प्रक्रिया में हीलाहवाली से नियुक्ति बाधित है। कुछ विद्यालयों ने प्राइवेट शिक्षकों को रखकर किसी तरह काम चलाया तो कई के छात्र गुणवत्तायुक्त शिक्षा से वंचित हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए पूर्व में कुछ विद्यालयों के प्रबंधतंत्र ने 103 शिक्षकों की नियुक्ति की थी। उच्च न्यायालय के आदेश पर इन शिक्षकों का वेतन भुगतान भी किया जा रहा था, लेकिन विभाग द्वारा नियम विरुद्ध तैनाती का हवाला देते हुए सभी का वेतन रोक दिया गया है। इसे लेकर शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय ने वेतन भुगतान का आदेश दिया तो सरकार फैसले के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय चली गई। जहां संजय सिंह बनाम सरकार एसएलपी में मामले को कनेक्ट कर दिया गया है। कई तारीखों के बाद न्यायालय ने प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला को 21 जुलाई को तलब किया है। प्रमुख सचिव के आदेश पर इन शिक्षकों की नियुक्ति, वेतन भुगतान की मूल पत्रावली, रिक्त पद पर प्रेषित अधियाचन की प्रति आदि पत्रावली मंगाई गई है। सूत्र बताते हैं कि एसएलपी में शामिल 98 शिक्षकों की पत्रावली भेजी गई है। इस संबंध में प्रांतीय उपाध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ रमेश सिंह ने कहा कि कई वर्षो से शिक्षकों की तैनाती न होने के कारण तमाम विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं। जिसके चलते शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है। प्रबंधतंत्र द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षण कार्य लिया जा रहा था, जिस पर रोक लगा दी गई। यह पिछली व वर्तमान सरकारों की माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने की सोची-समझी साजिश है।
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सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले में शिक्षकों के बारे में सूचनाएं मांगी गई थीं, जिसे भेज दिया गया है। शासन से जो निर्देश प्राप्त होगा उसका अनुपालन किया जाएगा।
-प्रवीण मणि त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक।