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उग हे सूरज देव, भइल भिनसरवा अरघ के बेरवा..

जागरण संवाददाता जौनपुर उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर। उदय होते भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देन

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 11:55 PM (IST)
उग हे सूरज देव, भइल भिनसरवा अरघ के बेरवा..
उग हे सूरज देव, भइल भिनसरवा अरघ के बेरवा..

जागरण संवाददाता, जौनपुर: उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर। उदय होते भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही शनिवार को लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व डाला छठ का समापन हुआ। अ‌र्घ्य देने के लिए जनपद के नदी, जलाशय,पोखरों व तालाबों के किनारे भोर से ही आस्था का सैलाब उमड़ा रहा। व्रती महिलाओं ने पूजा में शामिल सुहागिनों को सिदूर लगाने के साथ ही परिवार के सुख, शांति, समृद्धि सहित पुत्रों के दीर्घजीवी व यशस्वी होने की कामना की।

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महापर्व के अंतिम दिन पौ फटने के पूर्व ही महिलाएं गीत गाती हुई गोमती व सई नदी के तट के अलावा गांवों के जलाशयों के किनारे पहुंचीं। जहां घाट जगमग कर रहे थे। इस दौरान व्रती महिलाएं जल में खड़ी होकर हाथ में जलते हुए दीपक व पूजन सामग्री से भरे सूप को लेकर भगवान सूर्य के उदय होने की विनती कर रही थीं, वहीं अन्य महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। भगवान सूर्य के उदय होते ही उनको अ‌र्घ्य दिया। इसके बाद घाटों पर बनाई गई वेदी की देवखरी में गन्ने को गाड़कर छठ माता का विधिवत पूजन किया। इसके बाद छठ माता की कहानियां सुनीं और गीत गाया। पूजन संपन्न होने के बाद एक-दूसरे को सिदूर लगाकर सदा सुहागन रहने की कामना की। इसके बाद प्रसाद का वितरण किया। गोमती नदी के घाटों पर महिलाओं की भीड़ परेशानी व कठिनाई को दूर करने के लिए कई स्वयंसेवी संस्थानों के वालेंटियर सहयोग कर रहे थे। नदी की गहरी धारा में व्रतधारी महिलाएं न पहुंचने पाएं इसके लिए बांस और बल्ली लगाई गई थी। इसके साथ ही प्रकाश की व्यापक व्यवस्था की गई थी। ध्वनि विस्तारक यंत्रों से लगातार जहां सतर्क रहने के लिए अनुरोध किया जा रहा था। छठ माता के गीत बजने से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था। पूजन के लिए जिला व नगर पालिका प्रशासन द्वारा नगर के गूलरघाट, हनुमान घाट, गोपी घाट, जोगियापुर घाट, अचला देवी घाट, मियांपुर पर व्रतियों के लिए प्रबंध किए गए थे। मड़ियाहूं नगर के चंडिका माता मंदिर पर महिलाओं ने भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठी मैया की पूजा की। महिलाओं ने तालाब में खड़ा होकर सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पति व संतान की लंबी उम्र की कामना किया। व्रती महिलाओं ने अन्य महिलाओं को सिदूर लगाकर परंपरा के अनुसार पूजा को संपन्न किया। भोर में नाचते-गाते घाटों पर पहुंची, मांगी मन्नत

महापर्व पर कई व्रतधारी महिलाएं गाजे-बाजे के साथ छठी मइया का गीत गाते हुए नदियों व सरोवरों के किनारे पूजन को पहुंचीं। घाटों पर जाम की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए पहले की वाहनों को रोक दिया गया। वहां से श्रद्धालु नंगे पांव पूजा की सामग्री सिर पर रखे पहुंच रहे थे। गोमती के किनारे क्षेत्र का माहौल पूरी तरह भक्तिमय रहा। गूंजते रहे छठ गीत

जौनपुर: हे छठी मइया पूरी करो मोरी अरज..मशहूर लोकगीत गायिका शारदा सिन्हा व मालिनी अवस्थी के गीतों की स्वर लहरियों पर थिरकते श्रद्धालुओं के हुजूम चहुंओर दिखाई दिए। जैसे-जैसे सूर्य की किरणें निकलने लगी गीतों के स्वर और तेज होने लगे। जगह-जगह ध्वनि विस्तारक यंत्रों से छठ गीत गूंजते रहे।


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