प्रभु राम का चरित्र मानव जाति के लिए प्रेरणादायक
क्षेत्र के चौबाहां गांव स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रहे पांच दिवसीय रामकथा कार्यक्रम के चौथे दिन मंगलवार को प्रख्यात कथावाचक पंडित मदन मोहन मिश्र ने प्रभु राम के चरित्र व आदर्शों का बखान किया। कहा कि उनका जीवन किसी एक धर्म-जाति पंथ अथवा मजहब के लिए नहीं अपितु संपूर्ण मानवजाति के लिए अनुकरणीय है।
जागरण संवाददाता, सरपतहां (जौनपुर) : क्षेत्र के चौबाहां गांव स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रहे पांच दिवसीय रामकथा कार्यक्रम के चौथे दिन मंगलवार को प्रख्यात कथावाचक पंडित मदन मोहन मिश्र ने प्रभु राम के चरित्र व आदर्शों का बखान किया। कहा कि उनका जीवन किसी एक धर्म-जाति, पंथ अथवा मजहब के लिए नहीं, अपितु संपूर्ण मानवजाति के लिए अनुकरणीय है।
उन्होंने बताया कि प्रभु राम का जीवन मर्यादा व आदर्शों का अद्भुत संगम है। यह देश-काल से भी परे है। उनके जीवन से प्रत्येक व्यक्ति मर्यादाओं के पालन, जीवन संघर्षों से जूझते हुए सत्य के मार्ग पर अविचलित डटे रहने की कला सीख सकता है। एक पुत्र, भाई, पति व पिता के साथ ही समाज के वंचित लोगों के सहयोग से आदर्शों व मूल्यों की स्थापना ही उनके जीवन का परम संदेश है। इतना ही नहीं उनके आदर्शों से प्रभावित माता सीता व छोटे भाई लक्ष्मण का महलों के सुख त्यागकर चाहे जंगल के दुर्गम व संघर्षपूर्ण जीवन जीने का निर्णय रहा हो या फिर भरत द्वारा राजगद्दी को ठुकराकर 14 वर्षों तक नंदीग्राम में संन्यासी जैसे जीवन का निर्णय, सभी आज भी अपनाने योग्य है
इस दौरान निरंकारी संत पं. मानिकचंद तिवारी की संगीतमय रामकथा को सुनकर दर्शक भावविभोर हो गए। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजकों में संदीप तिवारी, पवन तिवारी, विपिन तिवारी, डा. रमेश चंद्र पांडेय, गौरीशंकर मिश्र सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।