मूर्ति विसर्जन को लेकर हुआ बवाल, लाठीचार्ज
गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन करने को लेकर मंगलवार की रात नावघाट पर पुलिस और पूजा समिति के लोग आमने-सामने हो गई। समिति ने दस फीट के गड्ढ़े में दो फीट पानी देख आपत्ति जताई तो रात में पुलिस ने व्यवस्था करने में असमर्थता जता दिया। इसे लेकर आयोजन समिति के लोग नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इससे खफा पुलिस ने पूजन समिति के लोगों पर लाठी-चार्ज कर दिया, जिससे दो लोग चुटहिल हो गए। बुधवार को इसकी शिकायक आयोजन समिति के लोगों ने एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक किया है।
जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर) : गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन करने को लेकर मंगलवार की रात नावघाट पर पुलिस और पूजा समिति के लोग आमने-सामने हो गई। समिति ने दस फीट के गड्ढ़े में दो फीट पानी देख आपत्ति जताई तो रात में पुलिस ने व्यवस्था करने में असमर्थता जता दिया। इसे लेकर आयोजन समिति के लोग नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इससे खफा पुलिस ने पूजन समिति के लोगों पर लाठी-चार्ज कर दिया, जिससे दो लोग चुटहिल हो गए। बुधवार को इसकी शिकायत आयोजन समिति के लोगों ने एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक किया है।
मूर्ति विसर्जन हेतु श्रद्धालु नाचते-गाते विसर्जन स्थल पर रात करीब एक बजे पहुंचे। देखा कि केवल दस फीट का गड्ढा किया गया था, जिसमें केवल दो फीट पानी से भरा था, उनकी मूर्ति की ऊंचाई 12 फुट थी। ऐसे में मूर्ति विसर्जन के लिए और पानी के व्यवस्था कराने की मांग किया। आरोप है कि पुलिस ने रात में पानी की व्यवस्था कराने से इंकार कर दिया। इस पर आयोजन समिति ने भी मूर्ति विसर्जन से मना कर दिया। जिसे लेकर पुलिस और आयोजकों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि पुलिस मूर्ति विसर्जित करने का दबाव बनाने लगी। इसके चलते पूजा समिति के लोग धरने पर बैठ गए। नारेबाजी करते हुए पानी की व्यवस्था कराने की मांग करने लगे। कोतवाल शशिभूषण ने आयोजकों से अभद्रता करते हुए लाठी चार्ज करवा दिया, जिससे दो लोग चुटहिल हो गए। इस दौरान सभी मूर्ति छोड़कर भाग खड़े हुए। उधर कोतवाल ने अपने अधीनस्थों के साथ मूर्ति को गड्ढे में रखवा दिया। आरोप है कि कोतवाल ने मूर्ति को घसीटते हुए गड्ढे में फेंकवा दिया। इस कृत्य को देखकर श्रद्धालुओं सहित लोगों में रोष है। आयोजकों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक, विधायक, सांसद से किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गड्ढ़े में पानी की व्यवस्था की गई थी। आयोजन समिति के लोग नदी में मूर्ति विसर्जित करना चाह रहे थे। कुछ अराजकतत्वों के चढ़ाने पर आयोजन समिति के लोग नारेबाजी करने लगे। जिन्हें वहां से हटाया गया। उन पर लाठी चार्ज नहीं किया गया। अब अराजकतत्वों की पहचान की जा रही है, जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही अगली बार पूजन समिति को लाइसेंस देने के समय विचार किया जाएगा।- शशि भूषण राय, कोतवाल