नहर कटने से नहीं चल पा रहा सोनौरा पंप कैनाल
किसानों के लिए चलाई गई योजनाएं समय बीतने के साथ शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते अब सिर्फ दिखावा तक ही सीमित हैं।
जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : किसानों के लिए चलाई गई योजनाएं समय बीतने के साथ शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते अब सिर्फ दिखावा तक ही सीमित हैं। इसके चलते हरितक्रांति का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है। कुछ इसी तरह दुर्व्यवस्था का शिकार है छंगापुर गांव से होकर गुजरी आदि गंगा गोमती नदी में स्थापित सोनौरा पंप कैनाल द्वितीय। जो नहर कटने व सफाई के अभाव में तीन माह से नहीं चल पा रही है।
वर्ष 1969 में क्षेत्र के 13 गांवों के किसानों के लिए गोमती नदी में पंप कैनाल स्टेज द्वितीय स्थापित की गई। उस समय किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। समय बीतने के साथ शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते पंप कैनाल महज शो पीस बनकर रह गया। तीन महीने से नहर कटने के कारण कैनाल नहीं चल पा रहा है।
नहर जर्जर होने तथा साफ-सफाई के अभाव में पानी हेड से आगे नहीं बढ़ पाता है। राजेश तिवारी, पिटू सिंह, प्रदीप तिवारी, बबऊ तिवारी आदि किसानों ने बताया कि पंप के न चलने से गेंहू व धान की खेती नहीं हो पा रही है। जिम्मेदार पूरी तरह मौन साधे हैं। 13 गांवों की होती है सिचाई
सोनौरा पंप कैनाल द्वितीय से 13 गांवों की सिचाई होती है। इनमें पांच किमी परिक्षेत्र के बखोपुर, छंगापुर, सलामतपुर, चंवरी, पूरासांवल, कटहरी, बेलावा, बरबसपुर, लेदुका, देवरिया, बीरभानपुर, खालिसपुर, मोलनापुर गांव शामिल है, लेकिन वर्षों से कैनाल के न चलने से खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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टूटी नहर को ठीक करा दिया गया। नहर की सफाई के लिए बीडीओ को पत्र लिखा गया है तथा व्यक्तिगत रूप से भी मिलकर सफाई कराए जाने के लिए कहा गया है। जर्जर नहर को ठीक कराए जाने व कर्मचारियों की तैनाती के लिए भी शासन में लिखा-पढ़ी की गई है।
सीडी पाठक, एसडीओ पंप कैनाल