चुनाव के लिए खरमास में बेटे की रचाई शादी, नहीं मिली जीत
जागरण संवाददाता खुटहन (जौनपुर) त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिहाज से मनमाफिक
जागरण संवाददाता, खुटहन (जौनपुर) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण के लिहाज से मनमाफिक सीट घोषित न होने पर एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने खरमास का भी भेव मन से निकालकर आनन-फानन में अपने बेटे का विवाह कर पुत्र वधू को मैदान में उतार दिया। हालांकि नई नवेली दुल्हन का भी वोटरों पर कोई खास असर नहीं पड़ा। चुनावी रण में वह तीसरे पायदान पर ही सिमटकर रह गई।
उसरौली गांव के भैयाराम का पुरवा निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष यादव की पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर तैनात हैं। इस बार यह सीट पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित कर दी गई। पहले तो सुभाष ने पत्नी को त्याग पत्र दिलाकर चुनाव मैदान में उतारने का मन बनाया, लेकिन बाद में पुत्र सौरभ का आनन-फानन में विवाह कर पुत्र वधू को प्रत्याशी बनाए जाने पर विचार किया। खरमास के चलते पुरोहित ने इसे धार्मिक ²ष्टि से उचित नहीं बताया। हालांकि इसकी जानकारी होते ही बगल के गांव कपसिया निवासी रामचंद्र यादव अपनी पुत्री अंकिता यादव की शादी के लिए उनके घर पहुंच गए। आनन-फानन में रिश्ता पक्का कर दिया गया। गत 31 मार्च को मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न करा दिया गया। इसके बाद अंकिता के नाम से ही वार्ड नंबर 17 से जिला पंचायत के लिए नामांकन दाखिल कर दिया गया। उस समय चुनाव को लेकर यह जुनून चर्चा ए खास बना हुआ था। बाद में इसी वार्ड से भाजपा नेता ओम प्रकाश जासवाल की पत्नी माधुरी जासवाल तथा मोहम्मद अकरम की माता सहित कई प्रत्याशियों ने ताल ठोक दी। जिससे अंकिता देवी की जीत पर ग्रहण लग गया।