धनाभाव में ढाई वर्ष से लटकी सीवर लाइन की परियोजना
बदलापुर को नगर पंचायत बने सात वर्ष बीत गया लेकिन सीवर ल
जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : बदलापुर को नगर पंचायत बने सात वर्ष बीत गया, लेकिन सीवर लाइन बिछाने की एक बड़ी परियोजना धन के अभाव में परवान नहीं चढ़ सकी। इसके चलते नगरवासी जलनिकासी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। आठ करोड़ 26 लाख की यह परियोजना धन के अभाव में ढाई वर्ष से अधर में लटकी हुई है, जिससे नगरवासियों में आक्रोश देखा जा रहा है।
19 फरवरी 2014 को बदलापुर को नगर पंचायत का दर्जा मिला। वर्ष 2017 में नगर के विकास के लिए आठ करोड़ 26 लाख की लागत से सीवर लाइन बिछाने का कार्य चार फेज में होना सुनिश्चित हुआ। पहले फेज के लिए शासन से एक करोड़ 16 लाख रुपये भी मिल गया। कार्यदाई संस्था सीएनडीएस ने एक करोड़ 18 लाख में लगभग छह सौ मीटर सीवर लाइन का काम दिसंबर 2017 में पूरा किया। इसके बाद जनवरी 2018 से धन के अभाव में कार्य ठप पड़ा हुआ है, तब से अब तक कई बार सीवर लाइन के काम को गति पकड़ाने के लिए शासन से पत्राचार कर धन की मांग की गई, लेकिन अभी तक धन मुहैया नहीं हो सका। जिससे नगरवासियों को जलनिकासी की गंभीर समस्या से जूझना पड़ रहा है।
यह होना था काम
बदलापुर नगर में सीवर लाइन बिछाने का काम इंदिरा चौक से शाहगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जौनपुर मार्ग के साथ ही चंदन शहीद मार्ग पर होना था। जिसमें शाहगंज व चंदन शहीद मार्ग पर मात्र छह सौ मीटर काम हुआ है। सीवर लाइन में मेन होल, जहां पानी की निकासी होती वहां एसटीपी प्लांट (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान) होना है।
नगरवासियों को यह होता फायदा
नगर में सीवर लाइन का काम पूरा होने पर लोगों को अपने घरों में शौचालय का गड्ढा नहीं बनवाना पड़ेगा। सीधे शौचालय का संपर्क सीवर लाइन से हो जाएगा। इसके साथ ही जलनिकासी की भी समुचित व्यवस्था हो जाएगी।
एक नजर में सीवर लाइन परियोजना
कार्यदाई संस्था: सीएनडीएस
काम शुरू हुआ: वर्ष 2017 में
लागत: 8 करोड़ 26 लाख
धन अवमुक्त: एक करोड़ 16 लाख
अब तक काम हुआ: छह सौ मीटर
नगर की आबादी : 20219
नगर में मकानों की संख्या : 6000 बोले जिम्मेदार..
सीवर लाइन के निर्माण के लिए पहले फेज में एक करोड़ 16 लाख मिला था, जिसमें से 98 लाख बदलापुर बोर्ड के गठन के पूर्व खर्च हो चुका था, शेष धन बाद में खर्च हुआ। धन की मांग शासन से की गई है। मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
-डाक्टर महेंद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी।