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भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में 'आरटीआइ' हथियार

जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का फिर देखना फिजूल है कद आसमान का। इन शब्दों को चरितार्थ कर रहा वह शख्स जिसकी वजह से सैकड़ों ग्रामीणों ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारियां हासिल की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 12:02 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:06 AM (IST)
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में 'आरटीआइ' हथियार
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में 'आरटीआइ' हथियार

जागरण संवाददाता, बरईपार (जौनपुर) : जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का। इन शब्दों को चरितार्थ कर रहा वह शख्स जिसकी वजह से सैकड़ों ग्रामीणों ने सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारियां हासिल की। इन्हीं की बदौलत लोगों ने बिचौलियों को दरकिनार कर अपना हक हासिल किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 को हथियार बनाने वाले सिकंदर बहादुर मौर्या मछलीशहर तहसील क्षेत्र के सहिजदपुर गांव के निवासी हैं। सन 2007 से इसके माध्यम से सिकंदर तमाम गरीबों व मजलूमों को न्याय दिला चुके हैं।

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सिकंदर कहते हैं शोषितों व गरीबों को न्याय दिलाने से उन्हें जो सुकून मिलता है, उसे शब्दों बयां नहीं कर सकते। आरटीआइ लगाने की शुरुआत सिकंदर ने वर्ष 2007 से की थी। उन्होंने पहली आरटीआइ पंचायती राज विभाग में लगाई थी। इसके जरिए ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार का खुलासा ही नहीं हुआ बल्कि कार्रवाई भी हुई। इसके बाद तो सिकंदर को जुनून सा सवार हो गया। गरीब परिवारों के 25 फीसद बच्चों को निजी स्कूलों में निश्शुल्क शिक्षा के लिए आरटीआइ लगाई। जिलास्तरीय आंदोलन भी चलाया। सन 2015 में सिकंदर ने तत्कालीन जिलाधिकारी से आरटीआइ के माध्यम से सवाल किया कि मछलीशहर तहसील क्षेत्र के सहिजदपुर गांव में फिल्म अभिनेत्री तमन्ना भाटिया, अभिनेता गोविदा की बेटी नर्मदा आहूजा व बालिका वधू सीरियल की नेत्री अविका गौर कैसे गांव की निवासी होकर राशन ले रही हैं। जवाब मिला कि यह अभिनेत्रियां गांव की बहू और बीपीएल कार्डधारक हैं। इससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। दुकान निलंबित हुई और कई जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई की जद में आ गए। वे बताते हैं कि बरसठी ब्लाक के बनकट गांव निवासी मित्र सामाजिक विषय में गोल्ड मेडलिस्ट डा. अजीत यादव की प्रेरणा से वह इस मिशन में जुटे। धमकियां मिलीं, देखे उतार-चढ़ाव

सूचना के सजग प्रहरी के रूप में सुर्खियों में आए सिकंदर आरटीआइ के बारे में घर-घर जाकर लोगों को बताते है। किसान परिवार में जन्मे सिकंदर किसानों के हक को लेकर भी कई बार मैदान में उतर चुके हैं। कई बार धमकियां मिलीं। उतार-चढ़ाव भी देखे, लेकिन कभी राह से विचलित नहीं हुए। एक दर्जन सूचना आने का इंतजार

सिकंदर का कहना है कि भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए उन्होंने नगर पंचायत, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य व लोक निर्माण विभाग में करीब एक दर्जन आरटीआइ लगाए हुए हैं। इनके जवाब आने का इंतजार कर रहे हैं।


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