कोरोना संक्रमित गांवों के तीन सौ मीटर क्षेत्र में कार्य पर पाबंदी
जौनपुर कोरोना ने जनपद में महामारी का रूप ले लिया है। पाजिटिव मामलों की बाढ़ सी आ गई है। संक्रमितों में अधिकांश गांवों के हैं। ऐसे में संक्रमित गांवों में तीन सौ मीटर क्षेत्र में निर्माण पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। संबंधित गांवों के श्रमिकों को मनरेगा अथवा ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य की मनाही रहेगी। हालांकि संक्रमित व्यक्ति के घर एक किलोमीटर दूरी पर शारीरिक दूरी के पालन के साथ कार्य करने की अनुमति दी गई है। सीडीओ की अध्यक्षता में हुए विकास कार्यों की समीक्षा में यह अहम निर्णय लिया गया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोरोना ने जनपद में महामारी का रूप ले लिया है। पाजिटिव मामलों की बाढ़ सी आ गई है। संक्रमितों में अधिकांश गांवों के हैं। जो प्रवासी हैं। ऐसे में संक्रमित गांवों में तीन सौ मीटर क्षेत्र में निर्माण सहित अन्य कार्यों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। संबंधित गांवों के श्रमिकों को मनरेगा अथवा ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य की मनाही रहेगी। हालांकि संक्रमित व्यक्ति के घर से एक किलोमीटर दूरी पर शारीरिक दूरी के पालन के साथ कार्य करने की अनुमति दी गई है। सीडीओ की अध्यक्षता में हुए विकास कार्यों की समीक्षा में यह अहम निर्णय लिया गया है।
50 से अधिक गांवों में कोरोना का कहर
श्रमिकों की घर वापसी के साथ ही कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ोतरी हुई है। मौजूदा समय में तकरीबन 50 से अधिक गांव इसकी चपेट में हैं। ऐसे में संक्रमित गांवों में तीन सौ मीटर क्षेत्र में हर गतिविधियां पूर्ण रूप से ठप हैं। इस वजह से संबंधित गांवों के ग्रामीणों की आने वाले दिनों में चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। प्रभावित गांवों में शासन-प्रशासन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाने से स्थिति और खराब हो रही है।
इन ब्लाकों की स्थिति अधिक खराब
जलालपुर, केराकत, मछलीशहर, शाहगंज, मछलीशहर, सिरकोनी, मड़ियाहूं, मुंगराबादशाहपुर व बक्शा।
थानाध्यक्षों की बढ़ी जिम्मेदारी
प्रभावित गांवों की निगरानी में थानाध्यक्षों को जिम्मेदारी पहले ही सौंपी जा चुकी है। बीट कांस्टेबलों को भी निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करें। यदि किसी भी स्थान पर अधिक भीड़ लग रही है या दुकानें निर्धारित समय के मुताबिक नहीं खुल रही हैं तो दुकानदारों पर कार्रवाई करें। हालांकि इस आदेश का पालन कम ही देखने को मिल रहा है। जिलाधिकारी भी बार-बार थानाध्यक्षों को भ्रमण कहने को कह रहे हैं, लेकिन इसका अनुपालन भी सख्ती से नहीं हो पा रहा है।
बोले अधिकारी
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए जरूरी सभी कदम उठाए जा रहे हैं। प्रभावित गांवों के तीन सौ मीटर क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य की अनुमति नहीं होगी। न ही संबंधित गांवों के श्रमिक कार्य के लिए कहीं जाएंगे। संकट की इस घड़ी में विकास कार्य भी जरूरी है, जिससे श्रमिकों का चूल्हा जलता रहे। मनरेगा अथवा ग्राम पंचायत द्वारा कार्य शारीरिक दूरी के पालन के साथ कार्य कराने का निर्देश दिया गया है।
-अनुपम शुक्ला, सीडीओ।