मन और वाणी पवित्र करने के लिए भगवान का स्मरण जरूरी
क्षेत्र के बुढ़नेपुर में पांडेय बाबा स्थल पर चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को अयोध्या से पधारे आचार्य श्यामभूषण महराज ने कहा कि मन व वाणी को पवित्र करने के लिए भगवन का स्मरण जरूरी है। कहा कि जब पृथ्वी पर पापाचार अनाचार आदि बढ़ता है धर्म का पतन होने लगता है व संत गऊ भक्त विप्र पर अत्याचार बढ़ जाता है तब भगवान धर्म की स्थापना व भक्तों के हित के लिए मानव का अवतार लेते हैं।

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : क्षेत्र के बुढ़नेपुर में पांडेय बाबा स्थल पर चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सोमवार को अयोध्या से पधारे आचार्य श्यामभूषण महराज ने कहा कि मन व वाणी को पवित्र करने के लिए भगवन का स्मरण जरूरी है। कहा कि जब पृथ्वी पर पापाचार, अनाचार आदि बढ़ता है, धर्म का पतन होने लगता है व संत, गऊ, भक्त, विप्र पर अत्याचार बढ़ जाता है तब भगवान धर्म की स्थापना व भक्तों के हित के लिए मानव का अवतार लेते हैं। आचार्य ने कहा कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। मानव अपने सरल स्वभाव, विनम्रता से श्रेष्ठ बनता है प्रतिष्ठा से नहीं। अहंकार मनुष्य का शत्रु है तथा अंत में वही पतन का कारण बनता है। इस अवसर पर लालसाहब यादव, मिथिलेश, दिनेश मिश्र, हरिशंकर, राकेश मिश्र आदि उपस्थित रहे।
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