बच्चों के लिए संजीवनी है नियमित टीकाकरण
दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को आयोजित प्रश्न-प्रहर कार्यक्रम में पहुंचे बाल रोग विशेषज्ञ डा. विनोद कुमार ¨सह ने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों के लिए संजीवनी की तरह है। ऐसे में टीकाकरण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने में ही भलाई है। उन्होंने कहा किसी भी टीके से तबियत नहीं बिगड़ती। डा. विनोद ने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ ही नवजात में हाइपोथेरामिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए सफाई के साथ ही बच्चों को ढक कर रखने की जरूरत है। इस दौरान पाठकों ने उनसे बच्चों को बीमारियों से बचाने को लेकर कई तरह के सवाल पूछे, जिसका उन्होंने जवाब दिया। प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख सवाल व उनके जवाब।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को आयोजित प्रश्न-प्रहर कार्यक्रम में पहुंचे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. विनोद कुमार ¨सह ने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों के लिए संजीवनी की तरह है। ऐसे में टीकाकरण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने में ही भलाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी टीके से तबियत नहीं बिगड़ती। डा. विनोद ने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ ही नवजात में हाइपोथेरामिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए सफाई के साथ ही बच्चों को ढककर रखने की जरूरत है। इस दौरान पाठकों ने उनसे बच्चों को बीमारियों से बचाने को लेकर कई तरह के सवाल पूछे जिसका उन्होंने जवाब दिया। प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख सवाल व उनके जवाब। सवाल : आठ वर्षीय बच्चे को भूख नहीं लगती। यह समस्या बीते कुछ महीनों से है। ऐसा क्यों।
जवाब : ऐसा पेट में कीड़ा होने की वजह से हो सकता है। बच्चे को हरी सब्जी समेत फल दें। साथ ही जंक फूड पूरी तरह से बंद कर दें। सवाल : बच्चा रोने के दौरान सांस खींच लेता है। साथ ही शरीर भी नीला पड़ जाता है। कभी कभार दौरा भी पड़ने लगता है।
जवाब : ऐसा ब्रेथ हो¨ल्डग स्पेल की वजह से होता है। यह आयरन की कमी की वजह से होता है। बच्चे को पत्तेदार सब्जी के अलावा आयरन का सिरप दें। डेढ़ से दो महीने में फर्क दिखेगा। सवाल : ढ़ाई वर्षीय बच्चा मिट्टी बहुत खाता है। इसमें कैसे कमी लाई जा सकती है।
जवाब : आयरन व कैल्शियम की कमी की वजह से बच्चे मिट्टी खाते हैं। इसकी कमी पूरा करने से यह समस्या समाप्त हो जाएगी। सवाल : बच्चे की सांस फूलने के साथ ही बार-बार खांसी आती है। ऐसा किन वजहों से हो रहा है।
जवाब : यह अस्थमा का लक्षण है। साथ ही श्वांस नली में दिक्कत की वजह से भी हो सकता है। जरूरी जांच करने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है। सवाल : सरकार की ओर से जो अभियान के तहत टीकाकरण कराया जा रहा है। क्या उसमें बच्चों को टीका लगवाना उचित है।
जवाब : बिल्कुल लगवाना चाहिए। स्वास्थ्य केंद्रों पर जो टीका मुफ्त लगता है निजी अस्पतालों में उसके लिए काफी पैसा देना पड़ता है। किसी भी तरह के टीके के बाद बच्चों की न तो तबियत बिगड़ती है और न ही मौत होती है। हां बुखार होने पर बच्चों को टीका लगवाने से बचना चाहिए। सवाल : बच्चा दिन-प्रतिदिन सुस्त होता जा रहा है। साथ ही स्तनपान भी नहीं कर रहा है।
जवाब : यह हाइपोथेरामिया का लक्षण है। सबसे अधिक खतरा कम वजन के शिशुओं के लिए है। बच्चे के सिर को ढक कर रखें। मां के बदन की गरमाहट से शिशु को काफी लाभ मिलेगा। शिशु के अधिक सुस्त होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं। इन्होंने पूछे सवाल
ओलन्दगंज से प्रियंका ¨सह, सिपाह से प्रतिमा तिवारी, बक्शा से पप्पू, पिलकिछा से चंदन गुप्ता, बदलापुर से छाया देवी, जमुआ से लक्ष्मी शंकर, सुईथाखुर्द से ज¨हदर वर्मा, बीना गुप्ता, प्रेमलता, गुलाव सोनकर व अर्जुन गुप्ता व गोलनपुर से किरन देवी।