Move to Jagran APP

बागी हुए बंदियों ने जिला जेल में आठ घंटे किया कब्जा, हंगामा

जौनपुर जिला कारागार में निरुद्ध आजीवन सजायाफ्ता कैदी की शुक्रवार को मौत के बाद बंदियों ने बगावत कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 11:29 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 11:29 PM (IST)
बागी हुए बंदियों ने जिला जेल में आठ घंटे किया कब्जा, हंगामा
बागी हुए बंदियों ने जिला जेल में आठ घंटे किया कब्जा, हंगामा

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिला कारागार में निरुद्ध आजीवन सजायाफ्ता कैदी की शुक्रवार को मौत के बाद बंदियों ने बगावत कर दिया। इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हिसा पर उतारू सैकड़ों बंदियों ने जमकर तोड़-फोड़ और आगजनी करते हुए जेल को आठ घंटे तक कब्जे में रखा। बाहर मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भय व प्रलोभन के साथ ही सभी हथकंडों को अपनाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

loksabha election banner

रामपुर थाना क्षेत्र के बनीडीह निवासी क्षेत्र पंचायत के पूर्व सदस्य बागेश मिश्र की दोपहर करीब डेढ़ बजे मौत की खबर लगते ही बंदियों में आक्रोशित पनपने लगा। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते सैकड़ों बंदी लगभग ढाई बजे बैरकों से बाहर आ गए। इसके बाद पौने तीन बजे पगली घंटी बजी। फिर बंदी गेट नंबर तीन व चार पर कब्जा कर पथराव व आगजनी शुरू कर दिए।

सिलेंडर लेकर बंदी बैरक के पास मंदिर और पेड़ों पर चढ़ गए। इस अप्रत्याशित घटना से जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। बंदियों के पथराव में कुछ साथियों के जख्मी होने के बाद बंदी रक्षक सुरक्षित स्थानों पर दुबक गए। जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने कारागार मुख्यालय, जिला डीएम मनीष कुमार वर्मा व एसपी राज करन नय्यर से स्थिति पर नियंत्रण के लिए मदद मांगी। इसके बाद एडीएम (वित्त) राम प्रकाश व एडीएम (भू-राजस्व) राज कुमार द्विवेदी एएसपी (सिटी) डा. संजय कुमार, सीओ सिटी जितेंद्र दुबे आधा दर्जन थानों की फोर्स व पीएसी के जवानों मौके पर पहुंच गए।

बाहर मोर्चा संभाले पुलिस व पीएसी के जवान हवाई फायरिग के साथ ही रबर की गोलियां चलाते हुए आंसू गैस के गोले दाग रहे थे, तो अंदर से बंदी ईंट-पत्थर चला रहे थे। बंदियों की गतिविधियों पर नजर रखने को प्रशासन ने ड्रोन कैमरे की भी मदद ली। करीब पौने पांच बजे डीएम मनीष कुमार वर्मा व एसपी राज करन नय्यर भी पहुंचकर स्थिति सामान्य बनाने के प्रयास में जुट गए। इसके बाद भी बंदी मानने को तैयार नहीं हुए। जेल में पहले दो बार हो चुकी है हिसक झड़प

वर्ष 2002 में हिसक हुए बंदियों के पथराव में बंदी रक्षक संजय सेट्टी बुरी तरह से घायल हो गए थे। 16 घंटे तक जेल पर बंदी कब्जा जमाए रहे। स्थिति सामान्य बनाने में प्रशासन को नाकों चने चबाने पड़े थे। संजय सेट्टी की इलाज के दौरान बीएचयू में मौत हो गई थी। फिर जुलाई 2015 में बंदी श्याम यादव की मौत के बाद भी उग्र हो गए बंदियों ने जमकर बवाल काटा था। पथराव में एसओ तत्कालीन एसओ जफराबाद समेत 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। दूसरे दिन बंदी तब शांत हुए थे जब तत्कालीन डीएम भानुचंद्र गोस्वामी व एसपी ने उनके बीच जाकर काफी समझाया-बुझाया था। पांच माह पूर्व भी आमने-सामने बंदी और जेल प्रशासन

गत पांच जनवरी को जेल की दु‌र्व्यवस्था से आक्रोशित बंदी बैरकों से बाहर आकर पत्थरबाजी करने पर आमादा हो गए थे। जेल प्रशासन को पगली घंटी बजाने के साथ ही पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी थी। जेल पुलिस छावनी में तब्दील हो गई थी। तब जेलर राज कुमार व डिप्टी जेलर सुनील दत्त मिश्र के काफी समझाने-बुझाने पर शांत होकर बंदियों के बैरकों में वापस लौटने पर जेल व पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.