पब्लिक तो चाहती है स्थिर और मजबूत सरकार
प्रतापगढ़ से वाराणसी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के पहिए रविवार को सवेरे जब प्लेटफार्म से डोले तो घड़ी की सुईयां 6 बजकर 45 मिनट होने का संकेत कर रही थीं। लोकसभा चुनाव में जनता-जनार्दन का मन-मिजाज भांपने के लिए मैं भी सवार था।
जासं, मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर): प्रतापगढ़ से वाराणसी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के पहिए रविवार को सवेरे जब प्लेटफार्म से डोले तो घड़ी की सुईयां 6 बजकर 45 मिनट होने का संकेत कर रही थीं। लोकसभा चुनाव में जनता-जनार्दन का मन-मिजाज भांपने के लिए मैं भी सवार था। बैठने के लिए जगह की तलाश के बीच आवाज आई, आवा हो तिवारी बाबा। बगले में बैइठ जा। प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज गांव निवासी नरेंद्र दुबे उठ खड़े हुए हाथ पकड़कर उन्हें सामने वाली सीट पर बैठा लिया। तिवारी जी का पूरा नाम रमापति तिवारी है। वे जिले के पांडेयपुर गांव निवासी व पेशे से शिक्षक हैं। नरेंद्र दुबे के साथ उन्हीं के गांव के मोहन यादव, रामजी मिश्रा, सच्चिदानंद दुबे, बृजेश सिंह थे। सभी मां विध्यवासिनी धाम दर्शन करने जा रहे थे। सब कुर्सी ही की तो लड़ाई बा व्यंग्य करते हुए तिवारी जी सामने बैठ गए। इसी के साथ ही चुनावी चकल्लस शुरु हो गई।
बृजेश ने कहा, तिवारी बाबा न तोहरे जौनपुर न हमरे प्रतापगढ़ से अब तक तय भयल हौ कि मैदान में के उतरी। तिवारी जी ने कहा प्रत्याशी से का मतलब, वोट तो मोदी जी के नाम पर देब। तभी बगल की सीट पर बैठा युवक बोल उठा, सालाना गरीबों के खाते में 72 हजार देने वाले राहुल गांधी के वादे पर भी तनिक विचार कर लीजिए। सच्चिदानंद दुबे से रहा नहीं गया। पूछ बैठे अमेठी घर हौ का बचवा? हां चचा हम अमेठी क हई। सुधीर तिवारी नाम हौ। रामजी मिश्र ने सवाल कर दिया एके बदे पैइसवा कहां से आई। ई राहुल गांधी क तो जुमला न साबित होई। मोहन यादव कहां से चुप रहते तपाक से कहा, ई सब हवा-हवाई बात हौ। कांग्रेस दिल्ली में पचासों साल से ज्यादा राज किहेस तब काहें ना दिहेस। अब पब्लिक समझदार हो गई हौ। देश के स्थिर और मजबूत और स्थिर सरकार चाही। जऊन सिर्फ मोदी ही दे सकय लेन। इधर-उधर बहकय पे कोई के बहुमत न मिली तो फिर मध्यावधि चुनाव झेलय के पड़ी। बीच में ही सुधीर तिवारी बोल पड़े, सही कहत हैं चर्चा इस बार अमेठी में भी भाजपा क कमल खिल सकत है। ट्रेन जंघई स्टेशन पहुंच चुकी थी। वेंडर चाय, मूंगफली वगैरह बेचने बोगी में आ गए।
ट्रेन के छूटते ही चर्चा शुरु हो गई। नरेंद्र दुबे ने कहा भईया कुछ भी मोदी सरकार ने तो पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया। कूटनीति और पहले सर्जिकल फिर एयर स्ट्राइक से पड़ोसी दुश्मन देश बहुत दबाव में हौ। रमापति तिवारी ने भी उनकी हां में हां मिलाई। जंघई से सवार हुए राहुल गुप्ता ने कहा चीन और पाकिस्तान तो यही चाहते हैं कि भारत में दुबारा मोदी सरकार न बने। रामजी मिश्र ने उन्हें टोकते हुए पूछा किस आधार पर ऐसा कह रहे हो। राहुल ने अपने तर्क रखने के साथ ही कहा कि हमें ऐसी सरकार नहीं बनानी है जिसका जश्न भारत से ज्यादा पड़ोसी देश मनाएं। ट्रेन भदोही स्टेशन पहुंचने वाली थी, नरेंद्र दुबे ने कहा, सौ की सीधी एक बात। देश की तरक्की के लिए मजबूत और स्थिर सरकार बनाने को मतदान करना होगा। इसी बोगी में सफर कर रहे समवेत स्वर में कुछ युवक हर हर मोदी, घर-घर मोदी कहने लगे। करीब नौ बजे भदोही स्टेशन आ चुका था। सभी मां विध्यवासिनी का जयकारा लगाते हुए अपना-अपना सामान समेटकर उतरे तो मैं भी उतर गया। कुछ पल रुकने के बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हो गई।