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शाम होते ही अंधेरे में गुम हो जाता है श्रीकृष्णनगर रेलवे स्टेशन

अंग्रेजों के काल का बना यह स्टेशन कहने को तो तहसील स्टेशन है लेकिन सुविधाओं से पूरी तरह उपेक्षित है। दोनों प्लेटफार्मों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:09 AM (IST)
शाम होते ही अंधेरे में गुम हो जाता है श्रीकृष्णनगर रेलवे स्टेशन
शाम होते ही अंधेरे में गुम हो जाता है श्रीकृष्णनगर रेलवे स्टेशन

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर): अंग्रेजों के काल का बना यह स्टेशन कहने को तो तहसील स्टेशन है लेकिन सुविधाओं से पूरी तरह उपेक्षित है। दोनों प्लेटफार्मों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। बिजली न रहने पर प्लेटफार्म नंबर एक पर टिकट बुकिग के सामने मात्र एक जलती है। शेष खराब है, जिससे शाम होते ही स्टेशन अंधेरे में गुम हो जाता है। जिसका लाभ लेकर अराजकतत्व घटनाओं को आए दिन अंजाम देते रहते हैं। सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है। यात्रियों को स्वच्छ पानी हेतु स्थापित पानी की टोटी शोपीस बनी हुई है। दोनों प्लेटफार्मों पर लगे छह इंडिया मार्का हैंडपंप में से तीन खराब हैं। जिसके चलते पेयजल की जलालत भी यात्रियों को झेलनी पड़ रही है। वाहनों के पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्री ट्रेनों के आने के समय जाम से भी जूझते हैं। गंदगी के अंबार के चलते पीएम का स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के सपने का भी पलीता लग रहा है। कहने का मतलब यात्री सुविधाओं की कमी है। जिम्मेदार पूरी तरह मुंह मोड़े सिर्फ आश्वासनों की घुट्टी पिलाने तक ही सीमित हैं। सुलभ शौचालय की मांग

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स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का नारा देकर सरकार प्रतिवर्ष लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन रेलवे स्टेशन श्रीकृष्णानगर के यात्री जरूरत पड़ने पर शौचालय ढूंढते फिरते हैं। जिससे स्वच्छता की बात कहना बेमानी होगा। लोगों ने यात्री सुविधाओं को ²ष्टिगत रखते हुए सुलभ शौचालय के निर्माण की मांग किया है। एक्सप्रेस ट्रेनों का हो ठहराव

वैसे तो इस रेलवे स्टेशन से होकर 18 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन रुकती सिर्फ वरुणा, फरक्का, हावड़ा-अमृतसर व दोनों सछ्वावना, पैसेंजर ट्रेनें हैं। बाकी सब दनादन गुजर जाती हैं। क्षेत्र के लोग लंबे समय से जनप्रतिनिधियों समेत उच्चाधिकारियों से श्रमजीवी व मरुधर के ठहराव की मांग करते चले आ रहे हैं, लेकिन विभाग के कान में जूं नहीं रेंग रहा है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आरक्षण केंद्र की व्यवस्था हो अलग

रेलवे स्टेशन श्रीकृष्णानगर पर आरक्षण की व्यवस्था तो है, लेकिन जिस कमरे से ट्रेनों का संचालन होता है, वहीं पर टिकट की बुकिग भी होती है। जिससे जहां ट्रेनों के संचालन में परेशानी होती है वहीं टिकट लेने के लिए यात्रियों से तू-तू, मैं-मैं भी होता है। लोगों ने आरक्षण केंद्र की व्यवस्था अलग किए जाने की मांग किया है। सुविधाओं का रखा जाता है ख्याल

स्टेशन अधीक्षक परमेश्वर कुमार ने कहा कि यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है। खराब पानी की टोंटी व हैंडपाइप, स्ट्रीट लाइट, यात्री प्रतीक्षालय के टिनशेड को ठीक किए जाने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। सफाई भी कराई जा रही है।


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