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प्राणवायु के लिए करें वट के पौधों का रोपण

जागरण संवाददाता जौनपुर सनातन हिदू धर्म हो या बौद्ध दोनों धर्मों में वट वृक्ष को पूज्य माना गया ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 06:08 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 06:08 PM (IST)
प्राणवायु के लिए करें वट के पौधों का रोपण
प्राणवायु के लिए करें वट के पौधों का रोपण

जागरण संवाददाता, जौनपुर: सनातन हिदू धर्म हो या बौद्ध दोनों धर्मों में वट वृक्ष को पूज्य माना गया है। वट वृक्ष जीवन की निरंतरता का प्रतीक है। प्राणवायु के लिए तो यह सबसे बेहतर है। भारतीय सनातन परंपरा में सौभाग्यवती स्त्रियां वट सावित्री व्रत कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं, जो गुरुवार को मनाया जाएगा। इसी दिन दैनिक जागरण वट के पौधों को लगाने के साथ ही उसको संरक्षित करने का अभियान भी शुरू करेगा। समाज के प्रबुद्ध वर्ग की महिलाओं ने भी वट (बरगद) का पौधारोपण करने का संकल्प जताया है। -----------------

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सांसों की डोर चलती रहे इसके लिए यह प्राणवायु जीवन में प्रति क्षण आवश्यक है, कितु कम ही लोग इसे गंभीरता से लेते हैं। संकल्प लेती हूं कि वट सावित्री के पर्व पर मैं अपने अक्षय सुहाग की कामना के साथ ही एक वट के पौधे को रोपूंगी तथा उसकी देखरेख करूंगी।

- निशा यादव, प्रधान ताहिरपुर सिकरारा।

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सदियों से वट वृक्षों की पूजा होती आ रही है। सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं। गांवों में यह परंपरा आज भी कायम है। मैं संकल्प लेती हूं कि एक वट का पौधा लगाऊंगी तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करूंगी।

-राजेन्द्र कौर, पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत मड़ियाहूं।

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वट का वृक्ष आक्सीजन का सबसे बेहतर स्त्रोत है। पर्यावरण की बेहतरी के लिहाज से अधिक से अधिक स्थानों पर वट का पौधा लगवाने का प्रयास करूंगी। ताकि आने वाले समय में लोगों को आक्सीजन की कमी न झेलनी पड़े।

-रुखसाना कमाल फारुखी, अध्यक्ष नगर पंचायत अध्यक्ष मड़ियाहूं।

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कोरोना संक्रमण काल में प्राणवायु आक्सीजन के लिए मची त्राहि-त्राहि ने हमें बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। वट वृक्ष की महत्ता धर्म शास्त्र व विज्ञान सम्मत है। इसका पौधा लगाकर मैं जागरण के इस अभियान में अवश्य सहभागी बनूंगी।

-डाक्टर नमिता सिंह, जौनपुर।

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जागरण के इस अभियान की जितनी सराहना की जाय कम है। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा। मैं इस अभियान में भागीदार बनने का संकल्प लेती हूं।

-डाक्टर रानी अंजू सिंह, समाजसेवी, सिगरामऊ।


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