शिक्षा व कृषि पर विशेष ध्यान देने की है आवश्यकता
देश का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा जिसको लेकर सभी वर्ग में खास उत्साह है। वहीं युवाओं में भी एक आशा है कि इस बार के बजट में उनके लिए कुछ खास होगा जिससे लोन आदि की व्यवस्था से वह लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर सकें।
कामन इंट्रो
केंद्र सरकार का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। इसको लेकर सभी वर्ग में खास उत्साह है। वहीं युवाओं में भी उम्मीद है कि इस बार के बजट में उनके लिए कुछ खास होगा, जिससे लोन आदि की व्यवस्था से वह अपने को मजबूत कर सकें।
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जागरण संवाददाता, जौनपुर : आम बजट पर अर्थशास्त्री व युवाओं ने कहा कि बजट में शिक्षा व कृषि पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। युवा रोजगार व लोन के जरिए स्वरोजगार शुरू करने की बात करते दिखे।
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बोले एक्सपर्ट..
बजट में सरकार को तीन प्रमुख क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में अतिरिक्त धन आवंटित करने की जरूरत है। जिससे नवयुवकों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान की जा सके। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार को बजट में विशेष प्रावधान करने की आवश्यकता है। किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए बजट में विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करना सरकार का दायित्व है। अत: इन तीनों क्षेत्रों को लक्ष्य बनाते हुए बजट में समुचित व्यवस्था किया जाय।
-डा.आशुतोष कुमार सिंह, पूर्वांचल विश्वविद्यालय।
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बोले युवा..
बजट देश की रीढ़ का काम करता है। देश को ऐसे बजट की जरूरत है, जिसमें किसानों को खाद्य मूल्य में बीज मूल्य में कटौती किया जाय। विद्यार्थियों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रबंध हो। देश की बड़ी तादाद नौजवानों की है जो पढ़-लिखकर भी बेरोजगार हैं, उनके लिए देश में रोजगार का अवसर प्राप्त हो।
-वीरेंद्र यादव।
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देश में जीएसटी की दर बहुत अधिक है, इसमें कटौती हो। नौकरी पेशा लोगों की आय पांच लाख तक कर मुक्त हो। स्वास्थ्य व शिक्षा भी मुफ्त हो। बैंकों के द्वारा दिए जा रहे लोन की ब्याज दर में कटौती हो, जिससे आम जनमानस को राहत मिले।
-प्रियंका सिंह।
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बजट में यातायात के साधनों में लगने वाले टिकट के मूल्य में कटौती हो। कम किराए की रेल चलाई जाय। जिसमें हर तबके के लिए राहत हो। आने वाली पीढि़यों को पढ़ा-लिखा होने के बावजूद रोजगार नहीं मिल रहा, जिसमें रोजगार की व्यवस्था हो।
-सैय्यद अनस रजा।
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बजट किसानों की आय के प्रति फसलों पर होने वाली दैवीय आपदा, जानवरों से जूझ रहे किसान के लिए राहत भरा हो। किसानों के खाद-बीज के मूल्य को कम करके राहत प्रदान की जाय। देश की सेना को मिल रही सुविधा में बढ़ोतरी की जाय, जिससे जय जवान-जय किसान के नारे का सही मकसद हो सके।
-सलिल त्रिपाठी।
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बजट से गृहिणियों, छात्र-छात्राओं, युवाओं के रोजगार, महंगाई से जूझ रही जनता को राहत की उम्मीद है। जिससे जनता राहत की सांस ले सके और देश की मुख्यधारा में आ सके। जब तक देश का हर वर्ग महंगाई के संकट से नहीं उभरेगा तब तक देश का विकास संभव नहीं है। आज देश महंगाई से जूझ रहा है। देश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो।
-खुर्शीद अहमद।