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माडल आंगनबाड़ी केंद्रों मे पूरी होगी नौनिहालों की जरूरत

माडल आंगनबाड़ी केंद्रों मे पूरी होगी नौनिहालों की जरूरत

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 08:35 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 08:35 AM (IST)
माडल आंगनबाड़ी केंद्रों मे पूरी होगी नौनिहालों की जरूरत

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नौनिहालों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बेहतर माहौल देने के लिए 105 आंगनबाड़ी केंद्रों को माडल के तौर पर विकसित किया गया है। साफ-सुथरे व सुसज्जित आंगनबाड़ी केंद्रों पर ट्वाय बैंक भी बनाया जा रहा है। खास बात तो यह है कि केंद्रों को व्यवस्थित शासन ने नहीं, बल्कि अधिकारियों व कर्मचारियों ने खुद से किया है। माडल बनाए गए केंद्रों पर बच्चों के बैठने के लिए टाट-पट्टी नहीं, बल्कि डेस्क व बेंच लगे हैं। आने वाले दिनों अन्य केंद्रों को भी बेहतर बनाने की तैयारी की गई है।

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अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यही वजह है केंद्रों पर बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। ऐसे में अभिभावकों का विश्वास जीतने व केंद्रों पर बच्चों की पहुंच बढ़ाने के लिए इन्हें बेहतर बनाया जा रहा है। फिलहाल 105 केंद्रों को न सिर्फ आकर्षक बनाया गया है, बल्कि उनमें बच्चों की जरूरतों के लिहाज से व्यवस्थाएं भी की गई हैं। विद्यालयों से भी मांगा गया सहयोग

आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलौने उपलब्ध कराने के लिए कुछ एनजीओ समेत विद्यालयों से भी संपर्क किया गया है। विद्यालयों में ट्वाय बैंक स्थापित किए जा चुके हैं। यहां जमा हो रहे पुराने खिलौनों को केंद्रों तक पहुंचाया जायेगा। फिलहाल सेंट पैट्रिक स्कूल, प्रसाद इंटरनेशनल व मां दुर्गा विद्यालय में बच्चे अपने पुराने खिलौनों को जमा कर रहे हैं, जो अपने आप में एक अनूठी पहल है। ये आंगनबाड़ी केंद्र हैं माडल

केराकत : तरियारी

खुटहन : बड़नपुर

मुंगराबादशाहपुर : नौवाडाडी, उचौरा व बभनियांव

बक्शा : उमरपुर

बदलापुर : महमूदपुर

इसके अलावा अन्य केंद्रों को भी माडल बनाया गया है।

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आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या : 5321

विभागीय भवन में : 689

किराए पर : 171

प्राइमरी विद्यालय व पंचायत भवनों में : 4461 ''ये बदलाव आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को बेहतर माहौल देने के लिहाज से किया गया है। इसमें कर्मचारियों ने भी मदद की। जो बच्चे केंद्रों पर आने से कतराते थे, वे अब यहां खुशी-खुशी आ रहे हैं। आने वाले दिनों में अन्य केंद्रों को भी बेहतर बनाया जाएगा।''

-राकेश कुमार मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी।


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