68 सामुदायिक शौचालयों में लगे ताले, गांवों में सुविधा के लाले
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ब्लाक में बनवाए गए 68 सामुदायिक शौचालयों में ताला बंद होने की वजह से जरूरतमंद ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। डेहरी गांव में बने शौचालय में ताला बंद होने से आस-पास के ग्रामीण सरकार की इस महत्वपूर्ण सुविधा से वंचित हैं। ब्लाक में कुल 71 शौचालय बनाया जाना है जिसमें तीन अभी अधूरे हैं। मजबूरी में तमाम ग्रामीणों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, केराकत (जौनपुर) : स्वच्छ भारत मिशन के तहत ब्लाक में बनवाए गए 68 सामुदायिक शौचालयों में ताला बंद होने की वजह से जरूरतमंद ग्रामीणों को असुविधा हो रही है। डेहरी गांव में बने शौचालय में ताला बंद होने से आस-पास के ग्रामीण सरकार की इस महत्वपूर्ण सुविधा से वंचित हैं। ब्लाक में कुल 71 शौचालय बनाया जाना है, जिसमें तीन अभी अधूरे हैं। मजबूरी में तमाम ग्रामीणों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है।
सामुदायिक शौचालय के निर्माण के बाद उसे संचालित करने के लिए एक वृहद कार्यक्रम आयोजित कर स्वयं सहायता समूहों को उसकी जिम्मेदारी सौंपी गई। साफ-सफाई के लिए समूहों को हर माह नौ हजार रुपये दिया जा रहा है। बावजूद इसके शौचालयों का ताला अभी तक नहीं खुल सका है। ब्लाक के अभी भी तीन गांव ऐसे हैं जहां सामुदायिक शौचालय अपूर्ण हैं। कुछ शौचालय तो ऐसी जगहों पर बना दिए गए हैं जहां जाने से भी लोग डरते हैं।
देखा जाय तो हर शौचालय को रंग रोगन बहुत ही खूबसूरत बनाया गया है, लेकिन इसका लाभ आमलोगों को नहीं मिल पा रहा है। हालांकि प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी इसे जरूरत के समय उपयोग जरूर कर रहे हैं।
---------------------- सामुदायिक शौचालय न खुलने का कारण ग्राम प्रधान की उदासीनता है। शौचालय बनाकर छोड़ने का क्या मतलब है। गांववालों को इसका लाभ मिलना ही चाहिए।
-सुनील कुमार निराला, डेहरी।
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एक वर्ष पूर्व गांव का सामुदायिक शौचालय बनकर पूर्ण हुआ, लेकिन अभी तक इसमें ताला बंद है। जिम्मेदारों को इस मसले को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
-कैलाश, पूरनपुर।
-------------------- सामुदायिक शौचालय को बाहर से सजाया गया है, लेकिन उसमें ताला बंद है। जब इसे बंद ही रखना था तो भारी-भरकम बजट खर्च कर बनाया ही क्यों गया।
-संजय सिंह, अमिहित।
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शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी समूह को दी गई है। इसके लिए बजट भी खर्च किया जा रहा है। बावजूद इसके शौचालय में ताला बंद होने की बात समझ से परे है।
- संदीप मौर्य, छितौना।
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अभी सामुदायिक शौचालय को हैंडओवर करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रत्येक माह इन शौचालयों को संचालित करने वाली समूहों को मानदेय दिया जा रहा है। बंद होने की जानकारी पर इन्हें खोलवाया भी जाता है।
- छोटेलाल तिवारी, बीडीओ, केराकत।