ग्राम प्रधान समेत पांच हत्यारोपितों को उम्रकैद
अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट (तृतीय) ने चुनावी रंजिश में युवक का अपहरण कर हत्या के मामले में ग्राम प्रधान समेत पांच आरोपितों को दोषसिद्ध करार देते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा दी। अदालत ने मुजरिमों पर जुर्माना भी लगाया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट (तृतीय) ने चुनावी रंजिश में युवक का अपहरण कर हत्या के मामले में ग्राम प्रधान समेत पांच आरोपितों को दोषसिद्ध करार देते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा दी। अदालत ने मुजरिमों पर जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन के अनुसार रामपुर थाना क्षेत्र के आशापुर गांव निवासी द्रवेश दीक्षित 16 दिसंबर 2015 को शाम पांच बजे रामपुर बाजार से घर लौट रहे थे। नर्सरी स्कूल मोड़ के पास ग्राम प्रधान सुधाकर ने अपने टाटा सफारी वाहन उसके सामने लगा दिया। सुधाकर व दिनकर के ललकारने पर वीरेंद्र, दुर्गेश व राहुल ने असलहा सटाकर द्रवेश दीक्षित को घसीटते हुए वाहन में लाद लिया और अपहरण कर बीकापुर की ओर लेकर चले गए। स्कार्पियो वाहन से आलोक दीक्षित पीछे-पीछे गया। आरोपितों ने गोली मारकर द्रवेश की हत्या कर दी। द्रवेश का शव दूसरे दिन प्रयागराज जिले के हंडिया क्षेत्र में समहा नहर के किनारे पाई गई। मृतक की शर्ट की कालर पर वीआइपी टेलर रामपुर का बिल्ला लगा था। प्रयागराज जिले की पुलिस ने रामपुर थाना पुलिस को सूचना दी। मृतक के स्वजनों ने मौके पर जाकर शव की शिनाख्त की। मृतक के भाई दल सिगार दीक्षित की तहरीर पर एफआइआर दर्ज की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर में छह गोलियां लगने की पुष्टि हुई। चुनावी रंजिश में द्रवेश ने आरोपितों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। इसके अलावा लेनदेन का भी विवाद था। आरोपितों वीरेंद्र व सुधाकर की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त असलहे बरामद किए थे। विवेचना के पश्चात पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। एडीजीसी संजय श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र सिंह, सतीश रघुवंशी व राजेश श्रीवास्तव ने गवाहों को परीक्षित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पांचों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। इनमें से एक दिनकर की दौरान मुकदमा मृत्यु हो गई थी। अदालत ने प्रत्येक मुजरिम पर 43-43 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दो आरोपितों को आर्म्स एक्ट में भी एक-एक वर्ष कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना किया है। फैसले में जुर्माने की आधी राशि वादी को देने का आदेश दिया गया है।