धर्माचरण से ही जगत कल्याण संभव
भटौली व दयालापुर गांव में भागवत कथा कथा श्रवण से होती है सदबुद्धि पं.सुधाकर जागरण संवाददाता जौनपुर आज समाज में अनेकानेक समस्याओं के कारण तमाम विसंगतियां पैदा हो रही है। ईमानदारी से देखा जाय तो इसके मूल मे धर्म से च्युत होना ही अहम कारण है। ऐसे में अगर यह कहा जाय कि कि धर्माचरण से ही जगत का कल्याण संभव है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उक्त उद्गार सुजानगंज क्षेत्र के भटौली निवासी सुधाकर दुबे के आवास पर चल रही भागवत कथा के दौरान आचार्य विनोद कुमार शुक्ल ने सोमवार को देर शाम व्यक्त किया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: आज समाज में अनेकानेक समस्याओं के कारण तमाम विसंगतियां पैदा हो रही है। ईमानदारी से देखा जाय तो इसके मूल मे धर्म से च्युत होना ही अहम कारण है। ऐसे में अगर यह कहा जाय कि कि धर्माचरण से ही जगत का कल्याण संभव है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उक्त उद्गार सुजानगंज क्षेत्र के भटौली निवासी सुधाकर दुबे के आवास पर चल रही भागवत कथा के दौरान आचार्य विनोद कुमार शुक्ल ने सोमवार को देर शाम व्यक्त किया। उन्होंने देवहूती संवाद एवं लोक कल्याण हेतु जन्मे भगवान कपिल की कथा पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर पद्माकर दुबे के कुल गुरु डा राजेश्वर मिश्र के निर्देशन में यज्ञाचार्य दिवाकर शास्त्री उपाचार्य सुनील शास्त्री द्वारा पाठ का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
उधर सिगरामऊ क्षेत्र के दयालापुर गांव में शिवपूजन तिवारी के आवास पर चल रही भागवत कथा में कथावाचक पंडित सुधाकर मिश्र ने कहा कि श्रीमछ्वागवत कथा मानव को मृत्यु के भय से मुक्त करते हुए उसे ज्ञान प्रदान करता है। जीवन दर्शन का महत्व जानने के लिए पुरातन ग्रंथों का अध्ययन जरूरी है। कथा के मुख्य यजमान शिवपूजन तिवारी ने सभी के प्रति आभार जताया।