आधी क्षमता से उत्पादन कर रहीं औद्योगिक इकाइयां
तीन माह तक पूरी तरह बंद रहीं औद्योगिक इकाइयां जून से चालू तो हो गईं। लेकिन अब तक पूरी
तीन माह तक पूरी तरह बंद रहीं औद्योगिक इकाइयां जून से चालू तो हो गईं। लेकिन, अब तक पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। फिलहाल आधी क्षमता से ही उत्पादन कर रही हैं। कामगारों के कोरोना संक्रमित मिलने से बार-बार इकाइयों को बंद करना पड़ता है। इसलिए भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र में कुल 114 इकाइयां उत्पादन कर रही हैं। जिनका वर्गीकरण किया जाए तो लगभग 65 इकाइयां भवन व पुल आदि निर्माण सामग्री सरिया, लोहे का एंगल, सीमेंट, तार की जाली, इंटरलाकिग ईंट, सीमेंट चादर, सीमेंट पिलर व जाली आदि सामग्री बनाती हैं। 15 इकाइयां खाद्य सामग्री व शीतल पेय, बाकी अन्य घरेलू उपयोग के सामान मशीनरी तथा केमिकल निर्माण करती हैं। जिनमें निर्माण सामग्री बनाने वाली इकाइयां लगभग आधी क्षमता से उत्पादन कर रही है। जबकि खाद्य सामग्री व शीतल पेय बनाने वाली इकाइयां मात्र 15 से 20 फीसद ही उत्पादन कर पा रही हैं। उसका कारण है कि कोरोना महामारी के कारण गतिरोध के साथ ही बाजार में डिमांड भी बहुत कम हो गई है। घरेलू उपयोग के सामान व मशीनरी तथा केमिकल बनाने वाली इकाइयों का भी उत्पादन 25 से 30 प्रतिशत तक हो रहा है। सरकार ने सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए 20 लाख करोड़ राहत पैकेज दिया है। लेकिन, सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को बैंकों की हीलाहवाली के चलते कुछ खास राहत नहीं मिल पाई है। बैंक गाइडलाइन न उपलब्ध होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। कुछ उद्यमियों की कैश क्रेडिट लिमिट बढ़ाकर बैंकों ने इतिश्री अवश्य कर लिया है।
सतहरिया के उद्यमी आइआइए जौनपुर चैप्टर के अध्यक्ष बृजेश यादव बताते हैं औद्योगिक इकाइयां अभी तक अपनी क्षमता का आधा ही उत्पादन कर पा रही हैं। बैंकों से भी सीसी लिमिट बढ़ाने के अतिरिक्त कुछ अन्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। बैंक गाइड लाइन न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
सीडा उद्यमी विकास समिति के अध्यक्ष शिवाजी सिंह बताते हैं कि औद्योगिक इकाइयों में कामगार कोरोना पाजिटिव मिले, जिसके कारण कूकर फैक्ट्री व उससे संबंधित लगभग 26 फैक्ट्रियां बंद पड़ गई। अब नहीं लगता कि दिसंबर तक फैक्ट्रियां अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन कर सकेंगी।