बगैर फायर मानकों के चल रहे अस्पताल व नर्सिंग होम
जिले में अधिकतर अस्पताल व नर्सिंग होम फायर मानकों के बिना ही चल रहे हैं। जिले में तकरीबन चार सौ अस्पताल व नर्सिंग होम हैं लेकिन फायर विभाग के पास सूची महज 197 की है। उपलब्ध लिस्ट के आधार पर महज एक हो ही फायर विभाग से आनलाइन एनओसी दी गई है। ऐसे में अस्पतालों में आग लगने के दौरान न सिर्फ तबाही का मंजर दिखेगा बल्कि हालात भी बदतर होंगे। वाराणसी में एक निजी अस्पताल में लगी आग के बाद अब यहां भी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर पड़ताल शुरू कर दी गई है। फायर विभाग ऐसे अस्पताल अथवा नर्सिंग होमों के खिलाफ सीएमओ को पत्र लिखेगा जो मानकों को पूरा नहीं करते।
जौनपुर: जिले में अधिकतर अस्पताल व नर्सिंग होम फायर मानकों के बिना ही चल रहे हैं। जिले में तकरीबन चार सौ अस्पताल व नर्सिंग होम हैं, लेकिन फायर विभाग के पास सूची महज 197 की है। उपलब्ध लिस्ट के आधार पर महज एक हो ही फायर विभाग से आनलाइन एनओसी दी गई है। ऐसे में अस्पतालों में आग लगने के दौरान न सिर्फ तबाही का मंजर दिखेगा बल्कि हालात भी बदतर होंगे। वाराणसी में एक निजी अस्पताल में लगी आग के बाद अब यहां भी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर पड़ताल शुरू कर दी गई है। फायर विभाग ऐसे अस्पताल अथवा नर्सिंग होमों के खिलाफ सीएमओ को पत्र लिखेगा जो मानकों को पूरा नहीं करते।
नगर समेत तहसील व कस्बों में अस्पताल व नर्सिंग होम की भरमार है। इसमें तमाम ऐसे हैं, जिनका पंजीकरण ही नहीं हैं। साथ ही तमाम ऐसे अस्पताल व नर्सिंग होम संचालक भी हैं जो फायर मानकों को पूरा नहीं करते। मसलन, मरीजों के इलाज के नाम पर मोटी रकम भले वसूल की जा रही हो, लेकिन उनके जान की परवाह नहीं की जा रही है। किसी घटना के बाद सुरक्षा को लेकर कुछ दिनों तक हल्ला तो मचता है, लेकिन कुछ ही दिनों हालात पहले जैसे हो जाते हैं।
तहसीलों क्षेत्रों में बुरा हाल
बदलापुर नगर में एक दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पताल चल रहे हैं, जिसमें एक-दो को छोड़ दिया जाय तो बाकी मानक के अनुरूप नहीं है। मछलीशहर क्षेत्र में लगभग 15 की संख्या में प्राइवेट अस्पताल चल रहे हैं। कुछ तो गलियों में संचालित किए जा रहे हैं, जहां फायर ब्रिगेड तो छोड़िए एंबुलेंस भी नहीं पहुंच सकती। शाहगंज नगर में मानकों को ताक पर रख एक दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। मड़ियाहूं में भी तकरीबन यही हाल है। केराकत में कुल 10 प्राइवेट अस्पताल चल रहे हैं, जिनमें अधिकतर मानकों को पूरा नहीं करते।
बोले अधिकारी
एक अस्पताल को छोड़ किसी ने भी फायर एनओसी नहीं ली है। ऐसे में अस्पताल में किसी हादसे के दौरान स्थिति भयावह होगी। मानकों के विपरीत चल रहे अस्पताल व नर्सिंग होम की जांच की जाएगी। साथ ही पंजीकरण रद करने के लिए सीएमओ को पत्र भी लिखा जाएगा। अस्पताल ही नहीं कई होटल संचालक भी फायर नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
- अनिल कुमार सरोज, अग्निशमन अधिकारी।