आभूषण से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर दाम में आएगी गिरावट
एक फरवरी 2020 को देश का आम बजट पेश किया जाएगा। इसको लेकर लोग तमाम विचार-विमर्श कर रहे हैं कि इस बार का आम बजट कैसा हो। इसी पर दैनिक जागरण ने बुधवार को सर्राफा व्यापार की स्थिति पर अर्थशास्त्री सर्राफा व्यापारियों से बातचीत की। इस पर व्यापारियों ने कहा कि आभूषण से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर दाम में गिरावट आएगी।
कामन इंट्रो
एक फरवरी 2020 को देश का आम बजट पेश किया जाएगा। इसको लेकर लोग तमाम विचार-विमर्श कर रहे हैं कि इस बार का आम बजट कैसा हो। इसी पर दैनिक जागरण ने बुधवार को सराफा व्यापार की स्थिति पर अर्थशास्त्री, सराफा व्यापारियों से बातचीत की। इस पर व्यापारियों ने कहा कि आभूषण से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर दाम में गिरावट आएगी।
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जागरण संवाददाता, जौनपुर : देश में पेश होने वाले आम बजट से एक तरफ जहां आम लोगों को तमाम आशा है तो सराफा व्यवसायी भी व्यवसाय को मंदी से उबरने की उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं। उनका मानना है कि वित्त मंत्री सराफा व्यवसाय से मंदी को खत्म कर लोगों को राहत प्रदान करें। उनकी मानें तो जब भारत के आम व्यक्ति के हाथ में पैसा व टैक्स से राहत मिलेगी तो ही वह सोना खरीदने के शौक को पूरा कर सकेगा।
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बोले एक्सपर्ट..
केंद्र सरकार ने 2024 तक पांच ट्रिलियन डालर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। गत कई वर्षों से वित्तीय घाटा नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त मंदी का प्रभाव है। ब्याज में कई बार कटौती करने और कारपोरेट टैक्स में कमी करने के बावजूद भी मनोवांछित निवेश नहीं बढ़ सका है। आयकर की दर को तर्कसंगत बनाकर आयकरदाताओं की संख्या बढ़ाई जाय। आम आदमी को रोजगार के लिए कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए, जिससे मांग और क्रय शक्ति बढ़ेगी। वित्तीय अनुशासन के साथ सरकार को बजट में काले धन को सफेद करने की योजना अवश्य लानी चाहिए। आंतरिक स्थिरता, कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, सीएए, एनपीआर, एनआरसी के मुद्दे पर एक सतर्क एवं जागरूक नागरिक का परिचय देना होगा ताकि भ्रम फैला रहे लोगों से देश की सांस्कृतिक एकता को बचाया जा सके।
-डा.आरएन ओझा, एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र, टीडी पीजी कालेज।
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बोले व्यापारी..
आभूषण से इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म करना चाहिए। इससे तस्करी रूकने पर ब्लैक मनी का ट्रांजक्शन कम होगा। सराफा कारोबारियों को एक कार्ड मिलना चाहिए, जिससे सामान लाने व ले जाने में कोई दिक्कत न हो। सोने पर तीन फीसद जीएसटी ठीक है। सराफा व्यवसायी नीरव मोदी देश को लूटकर चल गये, उसी तरह अन्य सराफा व्यवसायियों को नहीं समझना चाहिए। जिनको आवश्यकता है बैंकों को उनका सहयोग करना चाहिए। भारत में आभूषण के क्षेत्र में हैंडमेड काम हो रहा है तो व्यवसायियों को और प्रोत्साहन मिले। जिससे और रोजगार को उपलब्ध कराया जा सके।
-विनीत सेठ, अधिष्ठाता, गहना कोठी।
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सराफा पर इंपोर्टेड ड्यूटी 10 फीसद है। उसको कम किया जाय। इससे आभूषण के रेट में कमी आएगी। ग्राहकों की भीड़ व सेल भी बढ़ेगी। व्यवसाय भी बढ़ेगा, बेरोजगारी दूर होगी। व्यवसाय में रूचि बनी रहेगी। टैक्स न बढ़े नहीं तो भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जिससे व्यवसाय प्रभावित होगा।
-विमल कुमार सिंह, अधिष्ठाता, विमल ज्वेलर्स।
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मंदी के दौर से भाव का उठक-पठक चल रहा है। बाजार से ग्राहक संतुष्ट नहीं हैं। वह दुकान पर खरीदारी करने पहुंच नहीं रहे हैं। दाम ज्यादा होने के कारण उनकी पहुंच से बाहर है। दुकानदार परेशान हैं तो कारीगार भी इसको झेल रहे हैं। उनका पेट भी नहीं भर पा रहा है। तीन लाख के कर को बढ़ाकर पांच से सात लाख पर किया जाय, जिससे ग्राहक भी अपने बचे पैसे को खर्च कर सके।
-बंशीधर सेठ, अधिष्ठाता, मुरलीधर लक्ष्मी नारायण शुभलक्ष्मी ज्वेलर्स।
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देश में अर्थव्यवस्था के हालात एकदम खराब हो चुके हैं। लोगों की आय नहीं है तो जरूरत के ही काम हो रहे हैं। व्यापार में मंदी है, रेट काफी ऊंचे हैं। अब गहने का शौक भी खत्म हो गया है। बजट में सारी चीजों का ध्यान देना होगा। ग्रामीण, शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। सोना के दाम कम हो तो ग्राहकों का रूझान बढ़ेगा। विदेश में अशांति रहेगी तो सोना कैसे शांत होगा।
-अजय सेठ विक्की, अधिष्ठाता, बालाजी ज्वेलर्स।
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टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। ट्रांजेक्शन धनराशि ज्यादा होने पर लोग चोरी करते हैं। जीएसटी में संशोधन सरल हो। जीएसटी में रीबेट को बढ़ा दिया गया है। एक बार टैक्स देकर सामग्री लाते थे तो रीबेट मिलता था। अब सरकार की नजर में जीएसटी का खूब पैसा आ रहा है, उसको एक माह बाद दिया जाता है।
-शेख अब्दुल्ला, अधिष्ठाता, हाजी मुन्ना ज्वेलर्स।
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-1000 सराफा व्यवसायी।
-2000 प्रत्यक्ष रोजगार।
-4000 अप्रत्यक्ष रोजगार।
-40 हजार आभूषण के कारीगर।
-5-10 करोड़ का रोजाना टर्न ओवर।
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चुनौतियां ..
-विकास दर न्यूनतम स्तर पर 5.5 फीसद पर।
-महंगाई का स्तर बढ़ रहा है।
-बेरोजगारी 60 वर्षों में अधिकतम है।
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परि²श्य..
माइक्रो स्मॉल व मीडियम इंडस्ट्री में बैंक फंड नहीं दे पा रहे हैं। इससे लागत पूरा नहीं हो पा रहा है। इसको उबारने की जरूरत है।
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संभावना..
-इज ऑफ डूइंग बिजनेस अभियान में भारत की रैंकिग अच्छी हो सकती है।
-बड़े महानगरों के बिजनेस को जिलों में स्थापित कराने पर काम हो सकता है।
-जीएसटी के सरलीकरण पर काम हो तो बढ़ सकता है कारोबार।
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अपेक्षाएं..
-हर हाथ में क्रय शक्ति पहुंचने का हो ठोस उपाय हो।
-व्यापारियों को सुरक्षा प्रदान करने की योजना बने।
-इंस्पेक्टर राज के भय से मुक्ति दिलाई जाय।