11279 पात्रों का नहीं बन सका गोल्डेन कार्ड
इसे जिम्मेदारों की उदासीनता कहें या व्यवस्था में खामी कि गरीब-गुरबों को प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में बेहतर उपचार की सुविधा देने की सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: इसे जिम्मेदारों की उदासीनता कहें या व्यवस्था में खामी कि गरीबों को प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में बेहतर उपचार की सुविधा देने की सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। इसकी एक बानगी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है। योजना के लागू हुए 14 माह से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक 11279 परिवारों का गोल्डेन कार्ड नहीं बन पाया। वहीं जनपद में उपचार की समुचित व्यवस्था न होने के कारण पात्र भी भटक रहे हैं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उन्हीं को लाभ देना है जो वर्ष 2011 की बीपीएल सूची में शामिल हैं। पात्र परिवार का जनपद के बाहर अन्य प्रदेशों में भी सरकारी व सूचीबद्ध प्राइवेट चिकित्सालयों में पांच लाख रुपये तक का इलाज निश्शुल्क किया जाना है। योजना के तहत अब पात्र परिवारों की 1350 प्रकार की बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पताल व सूचीबद्ध प्राइवेट चिकित्सालयों में हो रहा है। 2011 की सूची के अनुसार जनपद में एक लाख 85 हजार 57 बीपीएल परिवार पात्र थे। बाद में आर्थिक आधार पर कराए गए सर्वे के बाद 137774 पात्र व्यक्ति सूचीबद्ध किए हैं। अभी तक 133572 लोगों का ही गोल्डेन कार्ड बन पाया है। वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 16038 पात्रों में 8961 को ही कार्ड दिया गया है। दोनों योजनाओं में अभी 11279 लोगों का कार्ड नहीं बन पाया है। विभाग द्वारा आठ प्राइवेट व 19 सरकारी अस्पतालों को योजना के तहत उपचार हेतु अधिकृत किया गया है। सरकारी अस्पतालों में जहां चिकित्सक व संसाधन न होने से इलाज नहीं हो पा रहा वहीं नियमों में जटिलता के कारण प्राइवेट अस्पतालों में भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब तक 2937 लोगों को ही मिला लाभ
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का 23 सितंबर 2018 को समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया। योजना के लागू हुए 14 माह से अधिक बीत गए लेकिन अभी तक मात्र 2937 लोगों का ही उपचार हो सका है। इसमें 1496 मरीजों का जनपद से बाहर इलाज किया गया। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अब तक तीन करोड़ 86 लाख 770 रुपये उपचार पर खर्च हुआ। दो परित्यक्त महिलाओं का आया आवेदन
तीन तलाक व परित्यक्त महिलाओं को भी योजना में शामिल किया गया है। कई माह बीत गए जिले में महज दो आवेदन आए हैं। जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक हिमांशु ने बताया कि माह के अंत तक आए आवेदनों को सूची में शामिल करने हेतु भेज दिया जाएगा। वर्जन ::
- योजना के तहत पांच अस्पतालों में उपचार की सुविधा मिल रही है। जल्द ही तीन और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था कर दी जाएगी। आरोग्य मित्रों की चयन प्रक्रिया पूर्ण होने तक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित कर उनसे काम लिया जा रहा है। छह निजी अस्पतालों ने आवेदन किया है।
-डा. रामजी पांडेय, सीएमओ।