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राज्यपाल के हाथों मिले गोल्ड मेडल ने बढ़ाई चेहरे की रंगत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को 23 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों गोल्ड मेडल पाने के बाद मेधावियों के चेहरे की रंगत बढ़ गई थी। गले में गोल्ड मेडल व हाथों में प्रमाणपत्र पाने के लिए सभी के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही थी। कार्यक्रम में बैंड की धून पर धूमधाम से शोभायात्रा निकली। कार्यक्रम अतिथियों व गणमान्य लोगों की उपस्थिति में हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 11:32 PM (IST)
राज्यपाल के हाथों मिले गोल्ड मेडल ने बढ़ाई चेहरे की रंगत
राज्यपाल के हाथों मिले गोल्ड मेडल ने बढ़ाई चेहरे की रंगत

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को 23 वां दीक्षा समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों गोल्ड मेडल पाने के बाद मेधावियों के चेहरे की रंगत बढ़ गई। गले में गोल्ड मेडल व हाथों में प्रमाण पत्र लिए सभी के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा रही थी। कार्यक्रम में बैंडबाजे की धुन पर शोभायात्रा निकली। कार्यक्रम अतिथियों व गणमान्य लोगों की उपस्थिति में हुआ।

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कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले शोभायात्रा मंच पर पहुंची। इसमें विद्या परिषद व कार्य परिषद के सदस्य मौजूद रहे। राज्यपाल व मुख्य अतिथि के दीप प्रज्ज्वलन के बाद राष्ट्रगीत व विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस मौके पर विश्वविद्यालय की पत्रिका 'गतिमान' का विमोचन भी किया गया। गोल्ड मेडलिस्टों व पीएचडी उपाधि धारकों को दीक्षा दिलाई गई फिर बारी-बारी से टापरों को गोल्ड मेडल दिया गया। समारोह में विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों से बतौर अतिथि बुलाए गए छात्रों को उपहार स्वरूप बैग व फल दिया गया। जब राज्यपाल ने ली चुटकी

राज्यपाल ने संबोधन में छात्रों की चुटकी लेते हुए कहा कि पूर्वाचल विश्वविद्यालय के 65 मेधावियों में से 40 छात्राएं हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि लड़कियां लड़कों से शिक्षा के क्षेत्र में आगे हैं। क्या लड़के पढ़ाई की जगह खेती कर रहे हैं जो वह लड़कियों से इतने पीछे हैं। देश की 50 फीसद आबादी महिलाओं की है, ऐसे में महिलाएं विकास के क्षेत्र में, कानून, सामाजिक सरोकार, पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। कुलपति ने गिनाई उपलब्धियां

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजाराम यादव ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि उपाधि अर्जित करने वाले विद्यार्थियों ने अपने गुरुजनों, अभिभावकों एवं विश्वविद्यालय का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए कहा कि राष्ट्र के उन्नयन हेतु भविष्य में सब उत्तरदायित्व अपने कन्धों पर लें। और यह सदैव याद रखे की वे भाग्य निर्माता है। अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलाधिपति के प्रेरणादायी, भौतिक एवं व्यवहारिक निर्देशन ने प्रदेश के विश्वविद्यालयीय उच्च शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन की संभावनाओं के साथ नई सोच, नई दिशा तथा नवचेतना को पुन: जागृत किया है। 65 मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक

दीक्षा समारोह में प्रथम प्रयास में स्नातक कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 16 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला। जिसमें 10 छात्राएं व 6 छात्र शामिल रहे। बीटेक मैकेनिकल में अबूफजल, बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्स्ट्रूमेंटेशन में रवि पटेल, बीटेक इलेक्ट्रिकल, मांडवी जायसवाल, बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन में रूपम यादव, बीटेक इंफारमेशन टेक्नालॉजी में अंजली गुप्ता, बीटेक कम्प्यूटर साइंस में पूजा शर्मा, बी फार्मा में चित्रा गंगवार, बीए में शिवांगी सिंह, बीएससी में सूर्य प्रकाश पाल, बीकाम में शिवांगी सिंह, बीएससी (कृषि) में समृद्धि सिंह, बीपीई में त्रिभुवन चौहान, बीएड में अनुराग दुबे, एलएलबी में ऋतिका श्रीवास्तव, बीसीए में आदर्श पाल,बीबीए में नेहा वर्मा को गोल्ड मेडल मिला। स्नातकोत्तर कक्षा में मिली सफलता

स्नातकोत्तर कक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 49 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला। जिसमें 31 छात्राएं व 18 छात्र शामिल रहे। जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर आशुतोष त्रिपाठी, एमसीए में विजय कुमार गौड़, एमबीए ई-कामर्स में रोहित सिंह, एमबीए में पारूल पांडेय, एमबीए एग्री-बिजनेस में अंकित सिंह, एमबीए बिजनेस इकोनामिक्स में शिवानी पाण्डेय, एमबीए फाइनेन्स एंड कंट्रोल में लक्ष्मी मौर्या, एमबीए एचआरडी में अदीबा अनवर, एमएससी बायोकेमेस्ट्री में रंजीत कुमार विश्वकर्मा, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी में अजीजा नेयाज, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में जूही शर्मा, एम.एस-सी. पर्यावरण विज्ञान में अंकिता कुशवाहा, एम.ए. व्यावहारिक मनोविज्ञान में प्रज्ञा सिंह, एम.ए. मास कम्यूनिकेशन में आशुतोष त्रिपाठी, प्राचीन इतिहास में आशुतोष कुमार, सैन्य विज्ञान में सौरभ दुबे, अर्थशास्त्र में शिवानी सिंह, शिक्षाशास्त्र में श्रद्धा दुबे, अंग्रेजी में अदनान खान, भूगोल में शिवांगी सिंह, हिन्दी में ज्योति मिश्रा एवं साजिदा बानो गृह विज्ञान फूड न्यूट्रिशन में निधि सिंह, गृह विज्ञान ह्यूमन डेवलपमेन्ट में बीना त्रिगुनाइत, मध्यकालीन इतिहास में ऋचा पाण्डेय, संगीत गायन में प्रियंका सिंह, दर्शनशास्त्र में श्वेता सिंह, राजनीति शास्त्र में कु0 प्रियंका मोदनवाल, संस्कृत में कु0 हेमलता विश्वकर्मा, समाजशास्त्र में राम चन्द्र यादव, उर्दू में उज्मा खातून, मनोविज्ञान में लक्ष्मी, एम.एड में प्रमोद कुमार, एम.काम में प्राची गर्ग, वनस्पति विज्ञान में प्रिया सिंह, रसायन विज्ञान में राहत फिरदौस, गणित में शिप्रा सिंह, भौतिक विज्ञान में पूजा मिश्र, जन्तु विज्ञान में संध्या सिंह, एम.एस-सी. कृषि एग्रीकल्चरल इकोनामिक्स में निधि कुमारी एम.एस-सी एनिमल हस्बेन्ड्री एण्ड डेयरिग में आकाश कुमार सिंह, जेनेटिक्स एण्ड प्लांट ब्रीडिग में नेहा सिंह, हार्टिकल्चर में अमन श्रीवास्तव, प्लांट पैथोलॉजी में अजीत प्रताप यादव, एग्रोनॉमी में आदित्य कुमार, एग्रीकल्चल कमेस्ट्री एण्ड स्वायल साइंस में धनन्जय मौर्या, इन्टोमोलॉजी में अजीत पाण्डेय, एग्रीकल्चर एक्सटेन्शन में पार्थ प्रतीक एवं एल एल.एम. में तान्या गुप्ता को स्वर्ण पदक मिला। इस वर्ष स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में 150507 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 142235 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। परास्नातक में 28303 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी जिसमें से 27348 उत्तीर्ण हुए। 121 को मिली पीएचडी की उपाधि

दीक्षा समारोह में 121 शोधार्थियों की पीएच.डी. की उपाधि मिली है। कला संकाय में 83, विज्ञान संकाय में 16, शिक्षा में 10, वाणिज्य में 01, कृषि में 06 एवं विधि संकाय मे 05 शोधार्थियों को पीएच.डी. उपाधि मिली। डिग्री पाने के बाद शोधार्थियों के चेहरे पर खुशी देखी गई। हेलीपैड पर राज्यपाल का स्वागत

दीक्षा समारोह में शामिल होने पहुंची प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कुलपति प्रो. डा. राजाराम यादव ने बुके देकर स्वागत किया। हेलीपैड पर पुलिस के जवानों द्वारा गार्ड आफ अॅानर दिया गया। स्वागत करने वालों में डीएम दिनेश कुमार सिंह, एसपी रविशंकर छवि, सीडीओ गौरव वर्मा, एडीएम रामप्रकाश, सीएमओ रामजी पांडेय आदि शामिल रहे। मूर्ति और स्मृति चिह्न नहीं चाहिए

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षा और अन्य समारोह में जो मूर्ति और स्मृति चिह्न दिए जाते हैं उसकी कोई जरूरत नहीं। सरकारी स्कूल के बच्चे ही हमारे लिए मूर्ति हैं। बच्चों को अतिथि बनाकर विश्वविद्यालय में लाने, किताब और फल देकर सम्मानित करने के पीछे उद्देश्य है कि जब भी यूनिवर्सिटी के छात्रों को गोल्ड मेडल पाते वे देखें उनके मन में एक सपना आए कि हमें अपनी स्कूली पढ़ाई नहीं छोड़नी है। उन्होंने समारोह में मिलने वाले भेंट की जगह स्कूली बच्चों की किताब भेंट में लिया ताकि वह उन बच्चों तक पहुंचाई जा सके। पीजी छात्रावास का लोकार्पण

महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उच्चीकृत श्री निवास रामानुजन रिसर्च स्कॉलर हास्टल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नव योगेन्द्र स्वामी, प्रो.डा. राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह, प्रो. बीबी तिवारी आदि मौजूद थे।


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