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संरक्षित वन क्षेत्र में फंसा फोरलेन का पेच

प्रयागराज-आजमगढ़ फोरलेन परियोजना में संरक्षित वन क्षेत्र को लेकर पेंच फंस गया है। पांच माह पहले पीडब्ल्यूडी ने गैर वानिकी कार्य के लिए वन विभाग को भूमि ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया। इसकी मंजूरी पर्यावरण वन और जलवायु परिर्वतन मंत्रालय की ओर दिया जाना है। पकड़ी चौराहे से वाजिदपुर तक की सड़क को सात मीटर चौड़ा बनाना है। निर्माण को लेकर शासन की ओर से काफी पहले दस करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया था, जिसे वापस ले लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:37 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 06:37 PM (IST)
संरक्षित वन क्षेत्र में फंसा फोरलेन का पेच

जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रयागराज-आजमगढ़ फोरलेन परियोजना में संरक्षित वन क्षेत्र को लेकर पेंच फंस गया है। पांच माह पहले पीडब्ल्यूडी ने गैर वानिकी कार्य के लिए वन विभाग को भूमि ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया। इसकी मंजूरी पर्यावरण वन और जलवायु परिर्वतन मंत्रालय की ओर दिया जाना है। पकड़ी चौराहे से वाजिदपुर तक की सड़क को सात मीटर चौड़ा बनाना है। निर्माण को लेकर शासन की ओर से काफी पहले दस करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया था, जिसे वापस ले लिया गया।

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तकरीबन छह किलोमीटर का दायरा संरक्षित वन क्षेत्र का है। ऐसे में निर्माण करने को लेकर मंत्रालय की ओर से एनओसी आवश्यक है। मंजूरी के पहले पीडब्ल्यूडी वृक्षों को काटे जाने से पहले पौधे लगाने को लेकर पैसा जमा करना होगा। इसके अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण औपचारिकताएं भी पूर्ण की जानी हैं। काफी पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा भूमि ट्रांसफर को लेकर तैयार किए गए आधे-अधूरे प्रस्ताव को वन विभाग ने लौटा दिया। डीएफओ एपी पाठक का कहना है कि भारत सरकार की मंजूरी के बिना संरक्षित वन क्षेत्र गैर वानिकी कार्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि खामियों को दुरुस्त करने के बाद फाइल दोबारा मांगी गई थी, जिसे पीडब्ल्यूडी की ओर से दिया ही नहीं गया। कहीं तोड़-फोड़ से बचना तो नहीं चाह रहा विभाग

फोरलेन को लेकर वाजिदपुर से जेसीज चौराहे तक तोड़फोड़ भी करना है। पूर्व में इसे लेकर कई लोगों को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। कई लोगों ने सड़क किनारे जमीन हथिया मकान-दुकान बना लिया है, जो इस निर्माण की जद में आएंगे।

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निर्माण के लिए हमें मंत्रालय से मंजूरी का इंतजार है। फोरलेन निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा जा चुका है। भूमि ट्रांसफर हुए बिना कार्य शुरू नहीं कराया जा सकता।

-अतुल कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड


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