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पूर्व अध्यक्ष ने कुलपति समेत कई अफसरों को भेजा नोटिस

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के महिला हॉस्टल को खोले जाने की माग पर गुरुवार की आधी रात बाद जेल भेजी गई छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत अन्य पाचों छात्राओं को शनिवार की सुबह रिहा कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 08:05 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 05:08 AM (IST)
पूर्व अध्यक्ष ने कुलपति समेत कई अफसरों को भेजा नोटिस
पूर्व अध्यक्ष ने कुलपति समेत कई अफसरों को भेजा नोटिस

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के महिला हॉस्टल को खोले जाने की माग पर गुरुवार की आधी रात बाद जेल भेजी गई छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत अन्य पाचों छात्राओं को शनिवार की सुबह रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर निकलने के बाद ऋचा ने इविवि के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय, डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह, डीएम भानुचन्द्र गोस्वामी, एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और नैनी सेंट्रल जेल के अधीक्षक पीएन पाडेय को लीगल नोटिस भेजा है। साथ ही मामले की शिकायत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से भी की है।

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दरअसल, गत गुरुवार को अलग-अलग जिलों से कुछ छात्राएं हॉस्टल में प्रवेश की माग पर कुलपति कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी थीं। रात करीब 10 बजे तक काफी मान-मनौवल के बाद भी जब मामला नहीं बना तो एसपी सिटी दिनेश सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष ऋचा समेत साक्षी यादव, एकता, प्रियंका गुप्ता, शिवानी गौड़, शरद शकर मिश्र, सत्यम कुशवाहा और अनीश यादव को हिरासत में ले लिया। देर रात चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने आधी रात बाद सभी को जेल भेज दिया। शनिवार को तीनों छात्रों को छोड़कर ऋचा समेत अन्य छात्राओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया। राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री और यूजीसी से कार्रवाई की माग

पूर्व अध्यक्ष ऋचा ने इस प्रकरण में इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से भी शिकयत की है। कहा कि कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी मंत्रालय और जिला प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं। छात्राओं ने न तो कुलपति को बंधक बनाया और न ही उनका रास्ता रोका। वह शातिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठी थीं। कुलपति कार्यालय में लगे सीसीटीवी से इसकी पुष्टि भी की जा सकती है। यह हाईकोर्ट के डीके बसु गाइडलाइन का उल्लंघन है। हद तो तब हो गई जब कोर्ट ने जमानत दिया फिर भी जेल अधीक्षक ने रिहा करने से इनकार कर दिया।

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह को जहा भी शिकायत करना है वह कर सकती हैं, यह उनका अधिकार है। फिलहाल मुझे इस प्रकरण में कुछ भी नहीं कहना है।

- प्रोफेसर आरआर तिवारी, कार्यवाहक कुलपति, इविवि।


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