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एनएचएआइ की ओर से बनाए गए हाईवे पर वन विभाग रोपेगा पौधा

हाईवे निर्माण के दौरान काटे गए बड़े पैमाने पर हरे वृक्षों से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 03:56 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 03:56 PM (IST)
एनएचएआइ की ओर से बनाए गए हाईवे पर वन विभाग रोपेगा पौधा
एनएचएआइ की ओर से बनाए गए हाईवे पर वन विभाग रोपेगा पौधा

जागरण संवाददाता, जौनपुर: हाईवे निर्माण के दौरान काटे गए बड़े पैमाने पर हरे वृक्षों से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसे बनाए रखने के लिए अब फोरलेन के मध्य व अगल-बगल पौधारोपण कराने की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। निर्माण के दौरान होने वाले करार में यह स्पष्ट होता है कि संबंधित एजेंसी वृक्षों की भरपाई के लिए पौधे लगाएगी, लेकिन ऐसा किया नहीं जाता। यही वजह है कि हाईवे किनारे हरियाली नहीं के बराबर है।

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हाईवे निर्माण के बाद पौधे लगाने के बारे में एनएचएआइ की ओर से गंभीरता नहीं बरती जाती। बार-बार भेजे जाने वाले रिमाइंडर की भी अनदेखी की जाती है। जो पौधे रोपे भी जाते हैं वे देख-रेख के अभाव में पनप नहीं पाते, जिसे मौजूदा सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसमें बदलाव करने का फैसला लिया है। अब यह कार्य वन विभाग को दिए जाने को लेकर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है, जिसका भविष्य में बेहतर परिणाम निकलने की उम्मीद है।

मध्य में लगेंगे शोभादार पौधे, बढ़ेगी सुंदरता

हाईवे के मध्य छोड़े गए खाली स्थान पर शोभादार पौधे लगाए जाएंगे, जबकि किनारे आक्सीजन देने वाले पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें नीम व पीपल को प्रमुखता से शामिल किया गया है। इसके अलावा आम, जामुन व शीशम सरीखे पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग के पास खुद की नर्सरी होने की वजह से पौधारोपण में किसी तरह की दिक्कत भी नहीं आएगी। शोभादार पौधों के लिए उद्यान विभाग की मदद ली जाएगी, जरूरत पड़ने पर इसे बाहर से भी मंगाया जाएगा। एनएचएआइ के साथ वन विभाग करा रहा सर्वे

वाराणसी-लखनऊ हाईवे के जिले की सीमा पर वन विभाग एनएचएआइ के साथ सर्वे कर रहा है, जो अभी प्रारंभिक स्तर पर है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि निर्धारित स्थान पर किसी प्रकार का अतिक्रमण तो नहीं है। ऐसी स्थिति बनने पर राजस्व विभाग की मदद से अतिक्रमण को हटवाया जाएगा। इस पहल से वृक्षों के कटने से हाईवे की बदरंग हुई सूरत बदलेगी। साथ ही हरियाली लौटने से नजारा भी बदलेगा।

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बोले अधिकारी..

निश्चित रूप से यह पहल पर्यावरण संरक्षण में संजीवनी साबित होगी। जीवन के लिए विकास कार्यों के साथ ही पर्यावरण को बचाए रखना भी बेहद जरूरी है। यह प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है। एनएचएआइ के साथ सर्वे चल रहा है। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी।

-प्रवीण खरे, डीएफओ।


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