जागरण अभियान.. कोहरे में लापरवाही है घातक, मददगार होगी फाग लाइट
ठंड के दस्तक देने के साथ ही कोहरे ने भी अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। धुंध भरी सुबह के बीच सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं जिनसे बचने को जागरूकता बेहद जरूरी है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: ठंड की दस्तक के साथ ही कोहरे ने भी अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। धुंधभरी सुबह के बीच सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। कोहरे से लापरवाही हमेशा घातक साबित हुई है। इनसे बचने को जागरूकता बेहद जरूरी है। कोहरे से बचने के लिए वाहनों में फाग लाइट का अधिक से अधिक इस्तेमाल होने वाली भयावहता को काफी हद तक कम कर सकती है। ऐसे में वाहन चालकों में सार्थक जागरूकता अभियान छेड़ा जाना काफी कारगर साबित हो सकता है। इसी के मद्देनजर अभियान के जरिए हम आम वाहन चालकों को हर उस खतरे से आगाह कर सकते हैं, जो जानलेवा है। यातायात नियमों का पालन न करने की वजह से जिले में गत चार वर्षों में अलग-अलग स्थानों पर हुई 2800 सड़क दुर्घटनाओं में 1976 लोग घायल हुए, जबकि 1294 की जान चली गई। इस वर्ष भी अब कोहरा शुरू हो गया है और दुर्घटनाएं भी होने लगी हैं। ऐसे में बचाव सभी के लिए आवश्यक है। अधिक बरसात की वजह से इस बार ठंड भी अधिक पड़ेगी। इतना ही नहीं नमी की वजह से धुंध के साथ कोहरे का भी साया इस बार गहराएगा। ऐसे में इस वर्ष पहले की अपेक्षा अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। टीडी कालेज में भूगोल विषय के विभागाध्यक्ष राजीव प्रकाश सिंह कहते हैं कि पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी का इस बार असर दूर तक होगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष न सिर्फ ठंड अधिक दिनों तक पड़ेगी, बल्कि कोहरे और कहर का साया भी गहरा होगा। ऐसे में वाहनों में फाग लाइट के साथ ही बचाव के अन्य उपक्रम आवश्यक है। दुर्घटना से देर भली
कोहरे के मौसम तक जान है तो जहान है और दुर्घटना से देर भली जैसी उक्ति को अपनाना होगा। कोहरे के दौरान वाहन की रफ्तार को नियंत्रित रखने में ही भलाई है। इससे एकाएक वाहन रोकने के दौरान दुर्घटना की संभावना कम होगी। कोहरे के दौरान सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग की ओर से 8379 वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवाया गया। यहां कुल 11380 वाहन फिटनेस जांच को पहुंचे थे। वाहनों में रिफ्लेक्टर भी सड़क दुर्घटनाएं रोकने में कारगर भूमिका निभाता है। इस अभियान में ट्रक समेत बस व टैक्सी को भी शामिल किया गया। 4881 वाहनों का चालान, 361 सीज
तमाम प्रयास के बाद भी नियम न मानने वाले वाहन चालकों में कानून का भय पैदा करने के लिहाज से गत 11 माह में 4881 वाहनों का चालान करने के साथ ही 361 भारी वाहनों को सीज किया गया। इस अभियान में अब और तेजी लाने की बात कही जा रही है। इन रास्तों पर रखें ध्यान
-सिरकोनी से सई नदी एनएच-56
-त्रिलोचान बाजार से नहर तक एनएच-52
-धनियामऊ स्टेट हाइवे 66-ए
-शंभूगंज स्टेट हाइवे 66-ए
-पकड़ी चौराहा
-धर्मापुर से गजना
-सिद्दीकपुर
-पचहटिया से रामघाट मोड़
-जैसीज चौराहा
-हौज स्टेट हाइवे
-बिसनपुर एचएच-231
-टेकरी
-सिकरारा
-बीबीपुर
-बेलवार
-तिराहा गांव
-महरूपुर मोड़
-कलीचाबाद
-सवंसा मोड़
-टिकरी मोड़
-धनियामऊ पुल
-मिरसादपुर
-पुरानी बाजार, बदलापुर
-पहितियापुर
-बरगुदर पुल
-सीहीपुर
-खाकोपुर
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कोहरे के चलते अब तक हुई घटनाएं..
वर्ष: 2014
दुर्घटना: 646, घायल: 404, मौत: 242
वर्ष: 2015
दुर्घटना: 662, घायल: 502, मौत: 260
वर्ष: 2016
दुर्घटना: 820, घायल: 540, मौत: 367
वर्ष: 2017
दुर्घटना: 468, घायल: 330, मौत: 325
वर्ष 2018 में सौ से अधिक स्थानों पर हुई दुर्घटना में 200 लोग घायल हुए हैं, जबकि 107 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष: 17-18 व 19 में कोहरे के दौरान हुए दुर्घटनाएं
कुल दुर्घटनाएं: 253
मौत: 139
घायल: 147
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दिसंबर तक ब्लैक स्पाट पर लगेंगे संकेतक
एआरटीओ उदय वीर सिंह ने कहा कि दिसंबर महीने तक ब्लैक स्पाटों की समीक्षा कर वहां संकेतक समेत अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि खतरनाक मोड़ पर लापरवाही जिदगी पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में वाहन चालकों को ऐसे स्थानों पर वाहन की गति को बेहद नियंत्रित रखने की जरूरत है। एआरटीओ ने कहा कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए स्कूल समेत कालेजों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसका सकारात्मक असर दिख रहा है।