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152 मरीजों की जांच में पांच मिले डेंगू पीड़ित, बालक की हालत गंभीर

जनपद में मच्छरजनित बीमारियां महामारी का रूप लेती जा रही हैं। सोमवार को सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आए 372 बुखार पीड़ितों में 152 की एंटीजन किट से डेंगू की जांच की गई। इनमें पांच पाजिटिव मिले। चिन्हित मरीजों में बालक की हालत नाजुक देख बीएचयू रेफर कर दिया गया। पाजिटिव मिले सभी मरीजों का नमूना एलाइजा टेस्ट के लिए बीएचयू भेजा गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 11:53 PM (IST)
152 मरीजों की जांच में पांच मिले डेंगू पीड़ित, बालक की हालत गंभीर
152 मरीजों की जांच में पांच मिले डेंगू पीड़ित, बालक की हालत गंभीर

जागरण संवाददाता, जौनपुर : जनपद में मच्छरजनित बीमारियां महामारी का रूप लेती जा रही हैं। सोमवार को सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आए 372 बुखार पीड़ितों में 152 की एंटीजन किट से डेंगू की जांच की गई। इनमें पांच पाजिटिव मिले। चिन्हित मरीजों में बालक की हालत नाजुक देख बीएचयू रेफर कर दिया गया। पाजिटिव मिले सभी मरीजों का नमूना एलाइजा टेस्ट के लिए बीएचयू भेजा गया है।

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जनपद में एक पखवारे से मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में हर दिन मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। बढ़ते प्रकोप के बीच बचाव व उपचार की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। सूबे में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन के निर्देश पर जिले के नोडल अधिकारी जीएस प्रियदर्शी चार दिनों से जनपद में डेरा जमाए हैं। वहीं, अस्पताल आने वाले हर बुखार पीड़ितों की डेंगू, मलेरिया की जांच की जा रही है। सोमवार को सरकारी अस्पतालों में हुई किट से जांच में जिला अस्पताल में तीन, खुटहन व बदलापुर में एक-एक मरीज पाजिटिव मिले हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि एनएस-1 पाजिटिव सभी मरीजों का नमूना बीएचयू भेजा गया है। चार दिन इलाज के बाद हालत गंभीर होने पर किया रेफर

जौनपुर : अधिकांश प्राइवेट अस्पताल डेंगू, मलेरिया पीड़ितों के उपचार के नाम पर जमकर शोषण कर रहे हैं। शासन के सख्त निर्देश के बाद अस्पताल संचालक जहां पीड़ितों की जानकारी नहीं दे रहे हैं वहीं हालत गंभीर होने पर रेफर कर दे रहे हैं। खेतासराय क्षेत्र के भुड़कुड़हां गांव निवासी दिलीप के पुत्र गुरमीत (8) के साथ यही हुआ। छह दिन से बुखार पीड़ित बालक का खेतासराय में एक प्राइवेट चिकित्सक ने उपचार किया। सुधार न होने पर जिला मुख्यालय स्थित एक बालरोग विशेषज्ञ के यहां भेज दिया। निजी चिकित्सक ने अपने यहां दो दिन भर्ती कर डेंगू का उपचार किया।

सोमवार को जब हालत खराब हुई तो रेफर कर दिया। इतना ही नहीं सीएमओ कार्यालय को उपचार करने की जानकारी तक नहीं दी। स्वजन बच्चे की जान बचाने के लिए जिला अस्पताल ले गए जहां पुन: किट से जांच में डेंगू पाजिटिव आने और प्लेटलेट्स काफी कम होने के कारण बीएचयू रेफर कर दिया गया।


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