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सावन में सोमवार व्रत का है विशेष महात्म्य

सावन माह में सोमवार व्रत की महिमा अपरंपार है। इस माह में व्रत, अनुष्ठान और जलाभिषेक अमोघ फलदायी होता है। यह मास इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है कि सती ने अपने पिता दक्ष के निवास पर शरीर त्याग दिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 10:44 PM (IST)
सावन में सोमवार व्रत का है विशेष महात्म्य
सावन में सोमवार व्रत का है विशेष महात्म्य

सावन माह में सोमवार व्रत की महिमा अपरंपार है। इस माह में व्रत, अनुष्ठान और जलाभिषेक अमोघ फलदायी होता है। यह मास इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है कि सती ने अपने पिता दक्ष के निवास पर शरीर त्याग दिया था। प्राण त्यागने से पहले उन्होंने भगवान महादेव को हर जन्म में पति के रूप में प्राप्त करने का प्रण किया था। इसके लिए सती ने सावन माह में ही निराहार व्रत रहकर कठोर तपस्या किया। कठोर तप के बाद उन्हें भगवान शिव प्राप्त हुए। इसलिए यह महीना महत्वपूर्ण और फलदायी माना जाता है। सारा वातावरण शिवमय हो जाता है। युवतियां जहां यह व्रत इच्छित वर प्राप्त करने के लिए रहती हैं वहीं महिलाएं परिवार के खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए सावन माह में व्रत रखती हैं। जिन कन्याओं का विवाह विलंब से हो रहा हो उनके लिए इस महीने में मंगलवार का व्रत लाभकारी होता है। इसीलिए इस व्रत को मंगल गौरी व्रत कहते हैं। भगवान शिव को प्रिय महीना होने के कारण इस महीने में जो भी मागों वही मिलेगा। अवढरदानी बहुत ही भोलेभाले हैं। इसलिए थोड़ा भी भावभाजन करने वाले के ऊपर खुश हो जाते हैं। सावन महीने में विशेष पूजा-अर्चना, अनुष्ठान की परंपरा बहुत पुरनी है। अब भगवान शिव की महत्ता देखते हुए भक्तों की भीड़ सहित कांवरिया जलाभिषेक करके लाभ पा रहे हैं।

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पंडित दीनानाथ तिवारी

अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य


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