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घर से बोरी लाकर क्रय केंद्रों पर धान बेच रहे किसान

शासन-प्रशासन दावा कर रहा है कि धान क्रय केंद्रों पर न तो पैसों का अभाव है और न ही बोरे का जबकि हकीकत ठीक इसके विपरीत है। महीनों से किसान धान का भुगतान पाने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 07:20 PM (IST)
घर से बोरी लाकर क्रय केंद्रों पर धान बेच रहे किसान
घर से बोरी लाकर क्रय केंद्रों पर धान बेच रहे किसान

जागरण संवाददाता, मुफ्तीगंज (जौनपुर) : शासन-प्रशासन दावा कर रहा है कि धान क्रय केंद्रों पर न तो पैसों का अभाव है और न ही बोरे का, जबकि हकीकत ठीक इसके विपरीत है। महीनों से किसान धान का भुगतान पाने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है। किसान जिन प्लास्टिक की बोरियों में धान भरकर घर ले आ रहे हैं उसी में धान क्रय किया जा रहा है।

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विपणन केंद्र मुफ्तीगंज व साधन सहकारी समिति मुर्तजाबाद इसका उदाहरण है। किसानों को अपनी बोरी में धान भरकर लाना पड़ रहा है। केंद्र प्रभारी उसी बोरी में धान मिलों पर भेज रहे हैं। कहीं-कहीं तो बोरों का अभाव बताकर वापस किया जा रहा है। मरता क्या न करता किसान पहले बाजार से प्लास्टिक की बोरी खरीद रहे हैं फिर धान भरकर वाहन से केंद्र पहुंचा रहे हैं। विपणन केंद्र प्रभारी मुफ्तीगंज श्रद्धा सिंह का कहना है इस समय बोरों का अभाव चल रहा है जो किसान अपने से बोरे ले आते हैं उनका ध्यान करने में आसानी हो जाती है। किसानों का बैंक खाता आधार कार्ड से लिक है उनका भुगतान हो जा रहा है जिनका नहीं लिक है उनके भुगतान में देरी हो रही है।


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