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पूविवि : अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए मुख्य परीक्षा अनिवार्य

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय भी चाहे तो स्नातक-स्नातकोत्तर व सेमेस्टर अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 जुलाई व सितंबर अंतिम सप्ताह तक कभी भी करा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुमति के बाद संशोधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है। यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षा को अनिवार्य बताया है। वहीं प्रथम द्वितीय वर्ष के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नत करने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था। फिलहाल परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन में काफी भ्रम की स्थिति है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:03 AM (IST)
पूविवि : अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए मुख्य परीक्षा अनिवार्य
पूविवि : अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए मुख्य परीक्षा अनिवार्य

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय भी चाहे तो स्नातक-स्नातकोत्तर व सेमेस्टर अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 जुलाई व सितंबर अंतिम सप्ताह तक कभी भी करा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुमति के बाद संशोधित गाइडलाइन जारी कर दी गई है। यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षा को अनिवार्य बताया है। वहीं प्रथम, द्वितीय वर्ष के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रोन्नत करने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था। फिलहाल परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन में काफी भ्रम की स्थिति है।

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29 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में सभी विश्वविद्यालय और कालेजों से एक से 15 जुलाई के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को कहा था। पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए 15 से 30 जुलाई तक का समय तय किया था। इस बीच वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई विश्वविद्यालय परीक्षा कराने को तैयार नहीं हुए। जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य विश्वविद्यालय आयोग से परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए थे। सोमवार की देर शाम जारी गाइडलाइन में अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य बताई गई है। चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी। यूजीसी ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि यदि इसके बाद भी कोई विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करा पाता है तो उचित कारण पाए जाने पर उसे बाद में परीक्षा कराने का मौका दिया जाए। संशोधित गाइडलाइन में सबसे ज्यादा जोर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है। पहले और दूसरे वर्ष के लिए पहले ही विश्वविद्यालयों से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं। संशोधित गाइडलाइन आने से पहले पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने 10 जुलाई को परीक्षा कराने की योजना को स्थगित कर दिया था।

इनसेट :-

मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी हुई है। विश्वविद्यालय को अभी तक कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है। पत्र प्राप्त होते ही जानकारी सभी को दी जाएगी।

बीएन सिंह, परीक्षा नियंत्रक, पूर्वांचल विश्वविद्यालय


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