पूविवि : सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में डाटा सुरक्षा बड़ी चुनौती
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जागरण संवाददाता, मल्हनी(जौनपुर): सूचना प्रौद्योगिकी के युग में डाटा सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। एक सिरे से दूसरे सिरे तक सूचना सुरक्षित पहुंचे यह महत्वपूर्ण है। यह बातें पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुंदर लाल ने रविवार को विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सभागार कक्ष में क्रिप्टोग्राफी एवं नेटवर्क सुरक्षा विषयक साप्ताहिक कार्यशाला के दूसरे दिन कही।
उन्होंने क्रिप्टोग्रा़फी की विस्तृत ऐतिहासिक जानकारी दी। कहा कि यूनानी शासक जुलियस सीजर द्वारा निर्मित सीजर साइफर का प्रयोग आज भी नेटवर्क सुरक्षा में हो रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नेटवर्क सुरक्षा मैकेनिज्म बहुत मजबूत नहीं है। भविष्य में आरएसए अल्गोरिथम द्वारा इसे और अधिक मजबूत और सक्रिय बनाया जा सकता है। इस दिशा में खोज छात्रों एवं कंप्यूटर साइंस वैज्ञानिकों के लिए यह क्षेत्र बहुत ही सुनहरा अवसर प्रदान करता है। अगले सत्र में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो.करण सिंह द्वारा मोबाइल सुरक्षा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज मोबाइल का प्रयोग सिर्फ बात करने के लिए नहीं वरन तमाम तरह की जानकारियों को एकत्रित और साझा करने किया जा रहा है। सुरक्षा उपायों की जानकारी न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी सुरक्षा के लिए जागरूक होने की जरुरत है। कार्यक्रम में कुल करीब 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर डा.संजीव गंगवार, डा.सौरभ पाल, डा.कमलेश पाल, डा.दिग्विजय सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार पाल, दिलीप, प्रशांत, अशोक, संतोष, सुनील, कृष्ण कुमार, पुर्नेंद्र श्रीवास्तव, रितेश, दीप्ति आदि उपस्थित रहे।