आंगनबाड़ी केंद्रों के चार लाख लाभार्थियों का रिकार्ड होगा ऑनलाइन
आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का अब डिजिटलीकरण किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का अब डिजिटलीकरण किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालकों को सौंपी गई है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा मिले निर्देश के बाद इसे अमल में लाने की कवायद तेज कर दी गई है। जिले के 5321 केंद्रों के तकरीबन चार लाख लाभार्थियों का ब्योरा ऑनलाइन किया जाएगा। व्यवस्था में बदलाव पारदर्शिता बढ़ाने के लिहाज से किया जा रहा है।
अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महज रजिस्टर में ही लाभार्थियों का ब्योरा नोट करती थीं। जिसमें गड़बड़ी की गुंजाइश रहती थी। डिजिटल सूची से इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सीएससी संचालक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाएंगे तथा वहां के रजिस्टर की फोटो लेंगे। इस पर सभी लाभार्थियों का विवरण दर्ज होगा। फोटो लेने से पहले लाभार्थी सूची के हर पन्ने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के हस्ताक्षर होना अनिवार्य होगा।
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पहचान पत्र के रूप में देना होगा आधार कार्ड
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी लाभार्थियों के पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड का नंबर, राशन कार्ड का विवरण, मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। यदि लाभार्थी का मोबाइल नंबर न हो तो उसके परिवार के किसी भी व्यक्ति का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। सभी सीडीपीओ को निर्देशित किया गया है कि वह सुनिश्चित करें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निर्धारित प्रारूप के अनुसार सूचना अपडेट हो रही है या नहीं।
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बच्चों से लेकर किशारियों तक का ब्योरा होगा अपडेट
सभी मुख्य सेविकाओं को भी निर्देशित किया गया है कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से प्रारूप के अनुसार सूचना अपडेट कराएं। गर्भवती व धात्री महिलाओं, सात माह से तीन वर्ष तक के बच्चे, तीन साल से छह साल के बच्चे एवं स्कूल छोड़ चुकीं किशोरियों का डाटा भी डिजिटलीकरण किया जाएगा।
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आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभार्थियों का ब्योरा ऑनलाइन अपडेट कराया जा रहा है। डिजिटल रिकार्ड होने से पारदर्शिता बढ़ने के साथ ही कार्य में आसानी होगी। अगले कुछ दिनों में इस प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाएगा।
-राकेश कुमार मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी।