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पोर्टल पर दर्ज होगा अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा

जागरण संवाददाता जौनपुर कुपोषण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक कड़ी और जुड़ गई

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 06:53 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 06:53 PM (IST)
पोर्टल पर दर्ज होगा अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा
पोर्टल पर दर्ज होगा अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा

जागरण संवाददाता, जौनपुर: कुपोषण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक कड़ी और जुड़ गई है। अब जिले में अति कुपोषित बच्चों का आंकड़ा पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। इससे जहां एक क्लिक में ऐसे बच्चों की स्थिति का पता लग सकेगा, वहीं शासन तक भी सही जानकारी पहुंच सकेगी। अभी तक ऐसे बच्चों का डाटा तो रखा जाता रहा है, लेकिन उसे डिजिटल प्लेटफार्म पर पहली बार सुरक्षित किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है। इसमें संबंधित ब्लाकों के सीडीपीओ भी अहम भूमिका निभाएंगे। इस पहल को शुरू करने के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। जल्द ही इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। 6538 है अति कुपोषित बच्चों की संख्या

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जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 6 हजार 538 है। सरकार की मंशा है कि कुपोषण के मामलों को खत्म किया जाय। इसके लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। संख्या में कमी लाने के लिए जहां अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है वहीं इसकी मानीटरिग भी हो रही है। इसी कड़ी में अब कुपोषित बच्चों का डिजिटल डाटा बनेगा, जिससे पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही आंकड़ों को दुरुस्त रखने में भी मदद मिलेगी। इसमें ब्लाक के साथ ही संबंधित गांव की भी पूरी जानकारी होगी। योजनाओं का लाभ दिलाने में मिलेगी मदद

कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए सरकार की ओर से तमाम योजनाएं संचालित हैं। इसमें ऐसे बच्चों को खाद्यान्न देने के साथ ही जरूरी अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। कुछ बच्चों के स्वजनों को गाय दी गई है, जिससे स्थिति में सुधार हो सके। स्पष्ट आंकड़ा होने पर शासन स्तर पर भी ऐसे बच्चों के लिए कुछ करने पर दिक्कत नहीं आएगी।

बोले अधिकारी..यह प्रक्रिया अभी प्रारंभिक स्तर पर है। कुछ समय पहले इसकी फीडिग कराई जा रही थी, जिसमें तकनीकी बाधा आने से बीच में रोकनी पड़ी। इस पहल से आंकड़ों को डिजिटल रूप में रखा जा सकेगा, जिससे जरूरतमंदों को समय पर राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी।

-दीपक चौबे, प्रभारी डीपीओ।


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