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सीआरओ ने सात सौ अधूरे पंचायत भवनों के निर्माण को सौंपी सूची

ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की किल्लत जल्द ही दूर हो जाएगी। जिला पंचायत कार्यालय द्वारा राजस्व विभाग से मांगी गई सूचना के आधार पर सीआरओ ने सात सौ स्थानों को चिन्हित कर रिपोर्ट सौंप दी है। निर्माण पर 15 से 22 लाख रुपये खर्च होंगे। निर्माण जल्द ही शुरू कराने की बात कही जा रही है। कार्य 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग से कराया जाएगा। भवनों का निर्माण आधुनिक रूप से होगा। पंचायत भवन नहीं होने से सबसे अधिक दिक्कत बैठकों को लेकर होती है। ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों समेत लेखपाल आशा व एएनएम के निश्चित स्थान पर नहीं मिलने से आमलोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जो अब जल्द ही दूर हो जाएगी। निर्धारित समय में बैठकों के होने से ग्राम विकास को भी रफ्तार मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 04:50 PM (IST)
सीआरओ ने सात सौ अधूरे पंचायत भवनों के निर्माण को सौंपी सूची
सीआरओ ने सात सौ अधूरे पंचायत भवनों के निर्माण को सौंपी सूची

जागरण संवाददाता, जौनपुर: ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की किल्लत जल्द ही दूर हो जाएगी। जिला पंचायत कार्यालय द्वारा राजस्व विभाग से मांगी गई सूचना के आधार पर सीआरओ ने सात सौ स्थानों को चिन्हित कर रिपोर्ट सौंप दी है। निर्माण पर 15 से 22 लाख रुपये खर्च होंगे। निर्माण जल्द ही शुरू कराने की बात कही जा रही है। कार्य 15 वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग से कराया जाएगा। भवनों का निर्माण आधुनिक रूप से होगा।

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पंचायत भवन नहीं होने से सबसे अधिक दिक्कत बैठकों को लेकर होती है। ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों समेत लेखपाल, आशा व एएनएम के निश्चित स्थान पर नहीं मिलने से आम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जो अब जल्द ही दूर हो जाएगी। निर्धारित समय में बैठकों के होने से ग्राम विकास को भी रफ्तार मिलेगा।

1300 ग्राम पंचायतों में पहुंची पहली किश्त

ग्राम पंचायतों में अधूरे कार्यों के निर्माण के लिए 15 वें वित्त आयोग की पहली किश्त 1300 ग्राम पंचायतों में पहुंच भी गई है। ऐसे में सात सौ ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन के निर्माण के लिए बजट की भी कोई कमी नहीं होगी। संबंधित बीडीओ को भी निर्देशित किया गया है कि वे निर्माण शुरू करने से पहले चिन्हित स्थानों को एक बार देख लें, जिससे किसी भी दिक्कत को पहले ही दूर किया जा सके।

प्राथमिकता पर कराए जाने हैं कार्य

अधूरे पंचायत भवनों का निर्माण काफी पहले कराया जाना था, लेकिन स्थान व बजट की उपलब्धता नहीं होने की वजह से कार्य शुरू नहीं हो पाया। निर्माण के दौरान किसी प्रकार के अवरोध को देखते हुए पहले ग्राम पंचायतों की खाली पड़ी जमीन का सर्वे कराया गया। इसके बाद राजस्व विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद कार्य शुरू कराए जाने का फैसला लिया गया।

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राजस्व विभाग की ओर से मिली रिपोर्ट के आधार पर निर्माण शुरू कराने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। पंचायत भवनों के निर्माण से सबसे अधिक दिक्कत बैठकों को संचालित करने में होती थी। विकास कार्यों के लिहाज से 15 वें वित्त आयोग की पहली किश्त कई ग्राम पंचायतों में जारी कर दी गई है।

- संतोष कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी।


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