बेगमपुरा एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त इंजन का खर्च नहीं बता सका रेलवे
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जेसीबी से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हुए बेगमपुरा एक्सप्रेस के इंजन का
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जेसीबी से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हुए बेगमपुरा एक्सप्रेस के इंजन का खर्च घटना के एक माह बीतने के बाद भी रेलवे नहीं बता सका है। इस बाबत दिल्ली स्थित बड़ौदा हाऊस से आरपीएफ को रिमांइडर भेज घटना की पूरी जानकारी मांगी गई है। आरपीएफ की ओर से इस बाबत डिविजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर समेत चीफ कंट्रोलर इलेक्ट्रिक तक से खर्च का ब्योरा मांगा गया, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रिपोर्ट देने में बरती जा रही लापरवाही को लेकर कइयों पर गाज गिर सकती है।
बीते 21 मई को वाराणसी से जम्मू जा रही बेगमपुरा एक्सप्रेस बख्शा-सरायहरखू के बीच दोपहर तकरीबन तीन बजे जेसीबी से टकरा गई थी। इससे ट्रेन का इंजन क्षतिग्रस्त हो गया। घटनास्थल के पास रेलवे विभाग की ओर से अंडर ग्राउंड पुलिया का निर्माण किया जा रहा था। घटना को लेकर बड़ौदा हाउस तो गंभीर है, लेकिन स्थानीय स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है। लिखित रिपोर्ट नहीं होने की वजह से आरपीएफ को न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करने में भी कठिनाई हो रही है। बड़ौदा हाउस से आए पत्र के बाद आरपीएफ ने डिविजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर को पत्र लिखा है। हालांकि अभी भी रिपोर्ट देने की बजाए टालमटोल किया जा रहा है।
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हो सकता था बड़ा हादसा
जेसीबी को ट्रैक के करीब देख चालक ने दूर से खतरे को भांपते हुए स्पीड को कम कर दिया था। यही वजह है रही कि ट्रेन जेसीबी से टकराई जरूर, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
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शुरू से ही बरती गई लापरवाही
ट्रेन की जेसीबी से हुई टक्कर में सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ था। निर्माण के दौरान न तो इंस्पेक्टर ऑफ वर्क का कोई अधिकारी मौके पर मौजूद था और न ही ठेकेदार। घटना के बाद जेसीबी चालक भी मौके से फरार हो गया, जिसे ढूंढने में पुलिस वालों को पसीने बहाने पड़े। महत्वपूर्ण कार्य के दौरान इंजीनियर का ही मौके से नदारद रहना दुर्घटना की बड़ी वजह बनी।
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इलेक्ट्रिक इंजन होने की वजह से इसकी रिपोर्ट डिविजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर को देनी है। जो काम रेलवे अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी से करना चाहिए उसके लिए बार-बार मिन्नत करनी पड़ रही है। घटना से जुड़े तथ्यों को मुहैया कराने को लेकर संबंधित अधिकारियों की ओर से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिल रहा है।
-वीएन ¨सह, प्रभारी आरपीएफ, जौनपुर जंक्शन